इंदौर। मुख्यमंत्री द्वारा जिला प्रशासन को तुलसी नगर के नियमतिकरण के सन्दर्भ में तीन दिनों के अंदर कारवाई करने के निर्देश की समय सीमा के एक सप्ताह पश्चात भी प्रशासन द्वारा किसी भी तरह का आदेश नहीं पारित किये जाने से तुलसी नगर के रहवासियों में तीव्र आक्रोश है। नगर निगम तथा प्रशासनिक अधिकारियों के तुलसी नगर के नियमतिकरण को लेकर ढुलमुल रवैये से खिन्न आज बड़ी संख्या में तुलसी नगर के रहवासी, महिलाएं तुलसी नगर स्थित सरस्वती मंदिर प्रांगण में एकत्रित होकर ना सिर्फ प्रशासन के रवैये से मर्माहत नजर आए बल्कि प्रशासन द्वारा उनके हितों की अनदेखी करने पर अपना तीव्र आक्रोश व्यक्त किया।
श्री तुलसी सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी द्वारा रविवार को आहूत एक आपात बैठक में रहवासियों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया कि मंगलवार 3 अक्टूबर को कॉलोनी के सैकड़ों रहवासी कलेक्टर कार्यालय में जनसुनवाई के दौरान अंतिम बार जिला कलेक्टर से नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 की धारा 19 (5)एवं 20(क) के प्रावधानों को मुख्यमंत्री के आदेशानुसार शिथिल करते हुए सम्पूर्ण तुलसी नगर को (सरकारी भूमि को छोड़कर ) तीन दिनों के अंदर नियमतिकरण के आदेश को पारित करने की मांग करेंगे। तीन दिनों के तय समय सीमा में प्रशासन द्वारा तुलसी नगर के नियमितीकरण का आदेश नहीं पारित करने की स्थिति में कॉलोनी के रहवासी अपने चिर प्रतीक्षित मांगों की पूर्ति होने तक क्रमिक रूप से शांतिपूर्ण आंदोलन तथा अपने क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की घोषणा करेंगे।
रहवासियों को सम्बोधित करते हुए श्री तुलसी सरस्वती सोशल वेलफेयर सोसाइटी के संयोजक शम्भुनाथ सिंह, अध्यक्ष राजेश तोमर ने कहा कि पिछले महीने 20 सितम्बर को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान रेसीडेंसी कोठी पर आयोजित एक बैठक में स्थानीय विधायक महेंद्र हार्डिया तथा अन्य जनप्रतिनिधियों, महापौर तथा नगर निगम एवं जिला प्रशासन के वरिष्ठ पदाधिकारियों की उपस्थिति में कलेक्टर को तीन दिनों के अंदर नगर भूमि सीमा अधिनियम 1976 के प्रावधानों को शासन स्तर से शिथिल करते हुए प्रकरण प्रस्तुत करने हेतु निर्देशित किया था | पर मुख्यमंत्री द्वारा निर्देश दिए जाने के 10 दिनों के बाद भी नियमितीकरण के संदर्भ में प्रशासन द्वारा कोई पत्र जारी नहीं किया गया है।, जिससे रहवासियों में तीव्र आक्रोश है। सोसाइटी के सचिव शिव बहादुर सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन आंशिक रूप से तुलसी नगर के नियमितीकरण की बात कर रहा है जबकि रहवासियों की मांग है कि मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए आदेशानुसार पूर्व में प्रचलित सीलिंग एक्ट की धाराओं को शिथिल करते हुए समस्त कॉलोनी के नियमितीकरण की सूचना जारी की जाए जिससे कि कॉलोनी के समस्त रहवासियों को इसका लाभ मिल सके।
`पुराने सीलिंग एक्ट की आर में तुलसी नगर को अवैध घोषित करना प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के विरुद्ध’
वार्ड 36 – 37 रहवासी महासंघ के संयोजक के के झा, संजय यादव ने कहा कि प्रदेश में सीलिंग एक्ट के ख़त्म किये जाने के लगभग 22 सालों बाद इंदौर जिले के तत्कालीन कलेक्टर द्वारा जारी प्रपत्र क्रमांक 1882/अ/क।/री/2022 इंदौर दिनांक 4/11/2022 के साथ संलग्न छूट प्राप्त सीलिंग भूमि की सूची के आधार पर बिना सुनवाई के तुलसी नगर सहित शहर के अनेकों वैद्य कॉलोनियों को अवैद्य घोषित कर दिया जो प्राकृतिक न्याय सिद्धांत के विरुद्ध है।
झा ने कलेक्टर कार्यालय द्वारा दिनांक 4/11/2022 प्रपत्र क्रमांक 1882/अ/क/री।/2022 इंदौर जारी प्रपत्र का हवाला देते हुए कि प्रपत्र के अनुसार “सर्व संबंधित अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व)उपरोक्त भूमि के संबंध में नगर भूमि सीमा अधिनियम की धारा 19(5) एवं 20 (क) की शर्तों का उल्लंघन पाए जाने पर हितबद्ध पक्षकारों को विधिवत सुनवाई कर गुण दोष के आधार पर भूमि को शासन में वेष्ठित करने के संबंध में प्रस्ताव सहित अनुशंसा सहित प्रस्तुत करें |”
पर तत्कालीन कलेक्टर द्वारा तुलसी नगर के सन्दर्भ में बिना किसी हितबद्ध पक्षकारों की विधिवत सुनवाई के कॉलोनी को अवैध घोषित कर दिया गया जो न्यायोचित नहीं है।
इस आपात बैठक में मातृ शक्तियां सहित बड़ी संख्या में कॉलोनी के रहवासी उपस्थित थे।