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डॉ वी पी पांडे बने एमजीएम के डीन, हाई कोर्ट के आदेश के बाद संभाला पदभार
इंदौर, 13 दिसंबर 2024,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: मध्य प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय मेडिकल कॉलेज महात्मा गांधी स्मृति चिकित्सालय (MGM) के अधिष्ठाता (डीन) डॉ वेद प्रकाश पांडे बनाए गए हैं। उन्होने कोर्ट के आदेश बाद शुक्रवार को यह पदभार ग्रहण किया है। इसके पहले 30 नवंबर को डॉ संजय दीक्षित इस पद से सेवानिर्वत्त हुए थे। उनके बाद डीन का अतिरेक प्रभार एमवायएच अधीक्षक डॉ अशोक यादव को दिया गया था। डॉ पांडे ने सरकार द्वारा मेडिकल कॉलेज में डीन की सीधी भर्ती प्रक्रिया को चुनौती देते हुए अदालत से खुद के लिए डीन के पद की प्रार्थना की थी।
“क्वालिटी ट्रीटमेंट,एजुकेशन और रिसर्च को बढ़ावा देना है प्राथमिकता” -डॉ पांडे
न्यूजओ2 को डॉ वेद प्रकाश पांडे ने एक संक्षिप्त साक्षात्कार में बताया कि पदभार ग्रहण के बाद उनकी प्राथमिकता मेडिकल कॉलेज को सुयव्यस्थित संचालित करना है। मरीजों को गुणवत्ता पूर्ण उपचार के साथ ही साथ मेडिकल स्टूडेंट्स एजुकेशनल टीचिंग और टेक्निकल ट्रेनिंग में ज्यादा से ज्यादा योगदान देना प्राथमिकता में शामिल रहेगा। एजुकेशन और रिसर्च को बढ़ावा देना है।
36 वर्ष से अधिक का स्वास्थ्य और चिकित्सा के क्षेत्र में अनुभव रखने वाले डॉ वीपी पांडे प्रदेश के सबसे वरिष्ठ प्राध्यापक हैं। मेडिकल कॉलेज में आगामी समय में विशेष बदलाव देखने के प्रश्न पर डॉ पांडे ने कहा कि अभी इसका उत्तर देना जल्दबाज़ी होगी। अपना सर्वश्रेष्ठ देने का प्रयास करूंगा।
“वरिष्ठता के आधार पर मिले प्रमोशन”
मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के निर्णय पर डॉ पांडे ने कहा कि सरकार द्वारा किसी भी शासकीय सेवा में वरिष्ठता को दरकिनार किए जाना, किसी शासकीय सेवक की इतने वर्षों की सेवा को भूलना अन्याय ही होगा। यदि कोई और कारण न हो तो वरिष्ठता के आधार पर प्रमोशन मिलना चाहिए।
डीन की सीधी भर्ती का कोर्ट में यह है मामला :-
दरअसल जनवरी 2024 में मध्य प्रदेश सरकार ने एमपी मेडिकल एजुकेशन सर्विस रिक्रूटमेंट रूल 2023 में संसोधन किया था और 6 फरवरी 2024 को एक विज्ञापन प्रकाशित करवाया था जिसमें राज्य के 18 मेडिकल कॉलेजों में डीन की सीधी भर्ती का जिक्र था। डॉ पांडे और अन्य ने डीन की सीधी भर्ती प्रक्रिया को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ ने 12 दिसंबर को सुनवाई करते हुए अन्तरिम राहत देते हुए तत्काल प्रभाव से याची डॉ वेद प्रकाश पांडे को डीन का पद दिये जाने के आदेश राज्य सरकार को दिये हैं साथ ही एकलपीठ के न्यायधीश विजय कुमार शुक्ला ने यह भी कहा है, ” हालांकि, राज्य को कॉलेज में नियमित रूप से सीधे नियुक्त डीन को तैनात करने की स्वतंत्रता होगी।” अब इस मामले में अगली सुनवाई 7 जनवरी 2025 को मुकर्र की गई है।
12 दिसंबर को दोनों पक्षों की तरफ से ये तर्क दिये गए कोर्ट में:-
डॉ पांडे की ओर से कोर्ट में उनके अधिवक्ता द्वारा यह तर्क दिया गया कि याचिका के लंबित रहते हुए, जिस व्यक्ति को एमजीएम मेडिकल कॉलेज में सीधी नियुक्ति से डीन बनाया गया था, वह सेवानिवृत्त हो गए हैं। लेकिन इसके बावजूद याचिकाकर्ता, जो वरिष्ठतम हैं, को इस पद का प्रभार नहीं दिया गया। वर्तमान में, जो व्यक्ति डीन का प्रभार संभाल रहे हैं, वह याचिकाकर्ता से कनिष्ठ हैं। प्रोफेसर के पद की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) डीन द्वारा लिखी जाती है। ऐसे में, याचिकाकर्ता को अपने कनिष्ठ के अधीन काम करना पड़ेगा, जो उनकी एसीआर लिखेगा।
राज्य के अधिवक्ता ने तर्क दिया कि प्रोफेसरों की एसीआर मेडिकल एजुकेशन कमिश्नर द्वारा लिखी जाती है। लेकिन राज्य की ओर से ऐसा कोई दस्तावेज या परिपत्र प्रस्तुत नहीं किया गया, जिससे यह प्रमाणित हो कि प्रोफेसरों की एसीआर डायरेक्टर, मेडिकल एजुकेशन द्वारा लिखी जाती है। इन तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए याची डॉ वीपी पांडे को तत्काल प्रभाव से डीन का पद सौंपे जाने के आदेश दिये।
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मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण पर 41वां यूरेशियन समूह पूर्ण बैठक इंदौर में सम्पन्न
संयुक्त अरब अमीरात को EAG पर्यवेक्षक का दर्जा दिया गया।
2025 में 42वीं पूर्ण बैठक मास्को में 26-30 मई को आयोजित होगी।
इंदौर,29 नवंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: 28-29 नवंबर को, भारत के मध्य प्रदेश के इंदौर में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण पर 41वीं यूरेशियन समूह (EAG) की पूर्ण बैठक आयोजित हुई। इस बैठक की अध्यक्षता रूस की Rosfinmonitoring के निदेशक यूरी चिकनचिन ने की। बैठक में EAG सदस्य देशों, FATF सचिवालय, FATF-शैली क्षेत्रीय निकायों (MENAFATF, APG, ESAAMLG), और अन्य पर्यवेक्षक एवं विशेष आमंत्रित प्रतिनिधियों ने भाग लिया। इनमें आर्मेनिया, ईरान, अमेरिका, जापान, CIS ATC, IMF, SCO, UAE, सऊदी अरब, श्रीलंका आदि से प्रतिनिधि शामिल थे। इस बैठक ने मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में भारत की भूमिका को मजबूती प्रदान की।
भारत की म्युचुअल इवैलुएशन रिपोर्ट की स्वीकृति
बैठक में भारत की FATF के साथ संयुक्त म्युचुअल इवैलुएशन रिपोर्ट की समीक्षा की गई और इसे स्वीकृत किया गया। रिपोर्ट में भारत को FATF आवश्यकताओं के अनुपालन में उच्च स्तर का तकनीकी प्रदर्शन करने वाला बताया गया। आतंकवाद वित्तपोषण और मनी लॉन्ड्रिंग (ML/TF) के जोखिमों की समझ, अंतरराष्ट्रीय सहयोग, वित्तीय खुफिया उपयोग, और अपराधियों से संपत्ति छीनने के प्रयासों में भारत की सराहना की गई। EAG ने भारत को ‘रेगुलर फॉलो-अप’ श्रेणी में रखा, जो कि म्युचुअल इवैलुएशन में सर्वोत्तम परिणाम है।
अन्य चर्चाएं और अवलोकन
ताजिकिस्तान की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा और स्वीकृति दी गई।
2024 में सदस्य देशों में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद वित्तपोषण से जुड़े नए जोखिमों की समीक्षा की गई। इसमें क्रिप्टोकरेंसी और प्रॉक्सी व्यक्तियों के माध्यम से लेन-देन जैसे जटिल तरीकों पर चर्चा हुई।
रूस ने अपने अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण और वित्तीय निगरानी परियोजनाओं पर अद्यतन जानकारी दी।
प्रतियोगिताएं और पुरस्कार
अंतर-एजेंसी सहयोग पर आयोजित वार्षिक प्रतियोगिता में रूस को प्रथम स्थान प्राप्त हुआ, जबकि बेलारूस और चीन को उपविजेता घोषित किया गया।
AML/CTF के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ वित्तीय विश्लेषण के लिए कजाकिस्तान के प्रतिनिधि को पुरस्कृत किया गया। तुर्कमेनिस्तान और ताजिकिस्तान के प्रतिभागियों को सम्मानित किया गया।