वात्सल्यपुरम संस्था को नहीं मिली इंदौर हाई कोर्ट से राहत  

इंदौर

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की इंदौर खंड पीठ ने आखिर उस बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका में आदेश सार्वजनिक कर दिया जिसमें जिला प्रशासन द्वारा इंदौर की वात्सल्यपुरम संस्था पर कार्यवाही कर संस्था को सील कर दिया था। कोर्ट ने वात्सल्यपुरम संस्था को किसी भी प्रकार की राहत नहीं दी है। युगल पीठ ने आज अपने जारी आदेश में कहा कि चूंकि मामले में बाल कल्याण समिति द्वारा कार्यवाही की गई है लिहाजा फिलवक्त संस्था को राहत नहीं दी जा सकती। हाई कोर्ट ने संस्था को स्वतंत्रता देते हुए विधि सम्मत पुन: याचिका दायर करने की एक तरह से अनुमति दी है। साथ ही कोर्ट ने ये भी कहा कि बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका चलाये जाने ( maintainable) नहीं हैं। आपको बता दें कि जिला प्रशासन ने संस्था के खिलाफ जे जे एक्ट के तहत एक एफ़आईआर भी दर्ज कर रखी है। साथ ही संस्था में रह रहे 21 बच्चों को अन्यत्र शासकीय संस्थाओं में शिफ्ट भी किया है। https://newso2.com/?p=1277

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।