इंदौर

ऑस्ट्रेलियाई नागरिक से 1 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में मप्र के इंदौर की हाई कोर्ट ने पुलिस जांच अधिकारी को तलब किया है। कोर्ट ने कहा कि जिस तरह की जांच हो रही है, उससे कोर्ट संतुष्ट नहीं है। आगामी सुनवाई 6 फरवरी को मुकरर्र की गई है। दरअसल ऑस्ट्रेलियाई नागरिक पॉल शेफर्ड ने इंदौर पुलिस को शिकायत की थी कि इंदौर के युवक मयंक सलूजा पिता महेंद्र सलूजा निवासी ग्रीन पार्क कॉलोनी ने उनके साथ 1 करोड़ की ऑनलाइन धोखाधड़ी की है। इंदौर की साइबर सेल में यह मामला 9 मई 2023 को दर्ज हुआ था लेकिन पुलिस के लचर अनुसंधान से परेशान होकर ऑस्ट्रेलियाई नागरिक ने इंदौर हाई कोर्ट का दरबाजा खटखटाया।

पीड़ित के अधिवक्ता गगन बजाड़ ने बताया कि इंदौर हाई कोर्ट ने बीते हफ्ते प्रकरण की केस डायरी तलब की थी। कोर्ट ने डायरी देखकर अनुसन्धान की स्थिति पर क्षोभ व्यक्त किया और शासन को 24 जनवरी को निर्देश जारी किए गए। कोर्ट ने जांच अधिकारी को तलब किया है। अगली सुनवाई 6 फरवरी 2024 मुकर्र की गई है।

क्या है मामला

9 मई 2023 को इंदौर साइबर सेल में आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी) और सूचना प्रोध्योगिकी अधिकनियम में एक केस दर्ज हुआ था। केस में ऑस्ट्रेलियाई निवासी की तरफ से बताया गया था कि आरोपी मयंक सलूजा पिता महेंद्र सलूजा निवासी ग्रीन पार्क इंदौर ने ऑस्ट्रेलियाई निवासी पॉल शेफर्ड के साथ एक वेब एप्लिकेशन बनाने के नाम पर 1 करोड़ की धोखाधड़ी की है। दरअसल फरियादी का आरोपी मयंक सलूजा से 2018 में फ्रीलांसर वेबसाइट के माध्यम से संपर्क हुआ था। बाद में दोनों की बातचीत स्काइप और वीडियो कॉल पर हुई। आरोपी ने फरियादी को वेबसाइट बनाकर उसका डेमो भी भेजा लेकिन साथ ही ये भी बताया कि एप्पल के प्लेटफॉर्म पर चलाने के लिए इस वेबसाइट को और उन्नत करना होगा। उसके लिए एप्पल कंपनी से एक एग्रीमेंट करना होगा।

इसके लिए मयंक से अथर्व नामक युवक को अपना स्कूल का दोस्त बताकर पॉल से संपर्क करवाया और बताया कि अथर्व एप्पल में मैनेजर के पद पर कार्यरत है जो एप्पल से करार में मदद करेगा। फरियादी को और अधिक विश्वास में लेने के लिए मयंक से एप्पल कंपनी के सीईओ टिम कुक के जाली हस्ताक्षर का लेटर हेड भी भेजा और समय- समय पर 6 सितंबर 2018 से 28 मार्च 2022 तक किश्तों में 1 करोड़ ट्रांजेकशन करवा लिया। पैसा देने के बाद भी जब फरियादी का काम नहीं हुआ तो उसने पैसा मांगना शुरू किया। शुरू में तो मयंक यह कहकर टालता रहा कि वह अस्पताल में भर्ती है। जब फरियादी ने आरोपी को पैसा देना बंद किया तो आरोपी द्वारा फरियादी को लागतार धमकाया जा रहा है। इस दौरान जब पॉल ने एप्पल कंपनी में पता किया तो पता चला इस तरह का कोई एग्रीमेंट उनके यहाँ नहीं होता है। इसके बाद पीड़ित ने इंदौर पुलिस और साइबर सेल को शिकायत की। पुलिस के ढुलमुल रवैये से परेशान होकर इंदौर हाई कोर्ट की शरण ली।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।