first time voter ke man ki baatfirst time voter ke man ki baat

फर्स्ट टाइम वोटर ने बताई मन की बात  

प्रलोभन की राजनीति हो बंद, रोजगार, स्किल डेवेलपमेंट को मिले बढ़ावा

इंदौर

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मध्य प्रदेश निर्वाचन 2023 को लेकर पहली बार वोट देने वाले युवा मतदाताओं का कहना है कि सरकार किसी भी दल की हो लेकिन प्रलोभन देने वाली राजनीति बंद होना चाहिए। मुफ्त रेवड़िया बांटने के बजाय इस पैसे को शिक्षा, रोजगार, स्किल डेवेलपमेंट में लगाना चाहिए। जानते हैं पहली बार वोट डाल रहे नवमतदाताओं के मन की बात

मुफ्त की रेवड़ियाँ बांटने के बजाय शिक्षा-रोजगार में पैसा लगाएँ- दीपशिखा

नाम- दीपशिखा वाजपेयी,

उम्र 18 वर्ष,

इंजीनियरिंग स्टूडेंट ,सिम्बायोसिस यूनिवर्सिटी

इंदौर निवासी दीपशिखा वाजपेयी बताती हैं उन्होने विकास को ध्यान में रख कर वोट दिया है लेकिन युवा जिस तरह से विकास चाहते हैं, उस तरह का विकास नहीं हो रहा है। सरकार जो मुफ्त में रेवड़ियाँ बाँट रही है, उससे लोग काम करने के इच्छुक नहीं होते हैं क्योंकि उन्हें निशुल्क ही सब मिलता है तो वे कहते हैं कि काम क्यों करें ? ये निशुल्क बांटने वाला पैसा रोजगार देने में लगाना चाहिए। कोई अच्छा एजुकेशन प्लेटफॉर्म डेवेलप कर देना चाहिए। यदि दोनों प्रत्याशियों मजबूत नहीं हैं तो नोटा का विकल्प भी चुना जा सकता है।   

स्टूडेंट स्कोलरशिप प्रोग्राम को ध्यान में रख कर दिया वोट-अक्षत

नाम-अक्षत श्रीवास्तव,

उम्र 19 वर्ष

इंजीनियरिंग स्टूडेंट, आईटी, davv इंदौर

बैतूल निवासी अक्षत श्रीवास्तव बताते हैं कि उन्होने पहली बार वोट किया है, मप्र के विकास को ध्यान में रख कर वोट किया है। अक्षत बताते हैं पापा सरकारी अधिकारी हैं इसलिए ट्रांसफर होते रहने से मप्र के क्षेत्रों में रहने का अनुभव मिला है प्रदेश में इन्फ्रास्ट्रक्चर में विकास हुआ है। मैंने एजुकेशन स्कोलरशिप की योजनाओं को ध्यान में रखते हुए वोट किया है। नोटा के बारे में मेरी व्यक्तिगत राय है कि यह वोट की बरबादी है।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।