फर्जी डॉक्टर को हुआ 3 वर्ष का सश्रम कारावास

एक मरीज की मौत, आरोपित के पास नहीं पाई गई वैध डिग्री

इंदौर

5 अक्टूबर 2023

इंदौर जिले की एक अदालत ने चार पुराने एक मामले में सुनवाई करते हुए एक डॉक्टर को फर्जी पाया और आदेश पारित करते हुए आरोपी डॉक्टर को 3 वर्ष के सश्रम कारावास से दंडित किया है। अपर सत्र न्यायाधीश निलेश यादव ने आरोपी खलील आयु 49 वर्ष, निवासी हा. मुकाम बाग मोहल्ला गौतमपुरा जिला इंदौर को मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान परिषद अधिनियम की धारा 24 में दोषी पाते हुए 3 वर्ष का सश्रम कारावास एवं 500/- रुपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया है।

यह है मामला

दरअसल 2019 में आवेदक विक्रम पिता तुलसीराम निवासी देपालपुर पी. एस. गौतमपुरा ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके पिता तुलसीराम की मृत्यु खलील एहमद नामक फर्जी डॉक्टर के गलत इलाज के चलते हुई है। शिकायत पर देपालपुर के चिकित्सा अधिकारी डॉ. चंद्रकला पंचोली, मेडिकल ऑफिसर डॉ. सुनील असाटी व बी.पी.एस. दिनेश पाटीदार पुलिस के साथ डॉ. खलील एहमद की क्लिनिक खालिद गौतमपुरा में टीम के द्वारा छापामार कार्यवाही की गई थी। जांच में पाया गया कि आरोपित द्वारा उसकी दुकान के बोर्ड पर तथा मरीजों को दिये जाने वाले उपचार की पर्ची, पेड पर एम.बी.बी.एस. डी. आर्थो (पटना) तथा एम.एस. (पटना) की डिग्री होने का उल्लेख फर्जी तरीके से किया और उसके द्वारा जनता को इस डिग्री का धोखा देते हुए डॉक्टर के रूप में अनाधिकृत रूप से इलाज करते हुए पैसा वसूला जा रहा है जबकि मौके पर जांच के दौरान खलील एहमद के पास उसके द्वारा बताई जा रही कोई डिग्री होना नहीं पाई गई और न ही इस व्यक्ति का एवं इसके द्वारा चलाये जा रहे क्लिनिक का मेडिकल काउन्सलिंग में कोई भी रजिस्ट्रेशन नहीं होना पाया गया।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।