हिमालया ड्रग कंपनी की प्रताडना से तंग आकर महिला कर्मचारी ने ली श्रम आयुक्त की शरणहिमालया ड्रग कंपनी की प्रताडना से तंग आकर महिला कर्मचारी ने ली श्रम आयुक्त की शरण

हिमालया ड्रग कंपनी की प्रताडना से तंग आकर महिला कर्मचारी ने ली श्रम आयुक्त की शरण

कंपनी की अंदरूनी वित्तीय अनियमितता के खिलाफ मुखर होने पर मिली टर्मिनेशन की सजा

पीड़िता का दावा मुझसे पहले भी कई ईमानदारों ने छोड़ी कंपनी

इंदौर  

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मध्य प्रदेश में श्रम क़ानूनों के उल्लंघन के मामले बढ़ते जा रहे हैं। एक तरफ मुलाज़िम को नियोक्ता नौकरी से निकालने, तबादला करने का भय दिखाकर मानसिक रूप से प्रताड़ित करता है। वहीं कई लोगों को आवाज उठाने पर अचानक बर्खास्त तक कर दिया जाता है। ऐसा ही एक मामला 32 वर्षीय पीड़िता पूनम जाटव का सामने आया है। दरअसल पीड़िता पूनम हिमालया ड्रग कंपनी में बतौर टीम लीडर के पद पर वर्ष 2021 से अपनी सेवाएँ दे रही थीं। पीड़िता का आरोप है कि काम के दौरान कंपनी ने अचानक उसे टर्मिनेशन लेटर पहुंचा कर उसके भविष्य को हाशिये पर धकेल दिया है। पीड़िता ने इस मामले में श्रम आयुक्त की शरण लेकर अब उनसे न्याय की गुहार लगाई है। उधर आरोप लगने के बाद कंपनी के जिम्मेदार एचआर आशीष दुबे ने टर्मिनेशन को पीड़िता के खिलाफ उचित कार्यवाही बताया है। पीड़िता जहां मामले में उसे सुनवाई का उचित अवसर नहीं दिये जाने सहित अन्य संगीन आरोप लगा रही हैं। वहीं कंपनी किसी भी प्रकार के साक्ष्य और दस्तावेज़ मुहैया कराने से पल्ला झाड़ रही है।

क्या है मामला

पूनम को हिमालया कंपनी में उनके कार्य से संतुष्ट होकर उन्हें पदोन्नति देकर 2021 में टीम लीडर बनाया गया था, जिसके बाद से उनकी मुश्किलें बढ़नी लगी। पूनम ने कंपनी में अपने अधीन और साथ काम करने वालों की वित्तीय अनियमितताएं पकड़ना शुरू कीं और वरिष्ठों को अवगत कराया। जिसका नतीजा उन्हें धमकियाँ मिलना और बर्खास्त किया गया। पूनम ने अपने वकील के माध्यम से कंपनी को   लीगल नोटिस भेजा है। उचित निराकरण नहीं होने पर श्रम शिविर की शरण ली। 7 नवंबर को दोनों पक्षों को बुलाया गया था लेकिन कंपनी के प्रतिनिधि उपस्थित नहीं हुए। अब अगली सुनवाई 21 नवंबर को है, जिसमें दोनों पक्षों को बुलाया गया है।

ये लोग आरोपों के कटघरे में..

पूनम ने अपने लीगल नोटिस में बताया कि कंपनी की सेल्स प्रमोटर आशा झारिया को उन्होने वित्तीय धोखाधड़ी करते पाया था जिसकी शिकायत भोपाल हेड क्वार्टर में रीजनल मैनेजर अरसद से की थी। साथ ही इंदौर कार्यालय में कार्यरत ज़ोनल मैनेजर साहिल सुल्तान को इस अनियमितता के बारे में अवगत कराया। लेकिन इन्होने कोई कार्यवाही नहीं की बल्कि पीड़िता का करियर खराब करने की धमकी दे डाली। यहाँ तक कि भोपाल ऑफिस में भी एक महिला कर्मचारी ने इस अनियमितता को पकड़ा था। उसे धमकी  मिलने के बाद वह कंपनी छोड़ कर चली गई। पूनम ने नोटिस में ये भी बताया कि आरोपी आशा झारिया के द्वारा गबन किए गए 70 हजार भी वसूले गए हैं, शेष राशि वसूली जानी है। इसके बावजूद भी पीड़िता पर कार्यवाही की गई।

हिमालया के एचआर आशीष दुबे ने पूछे जाने पर बताया कि पूनम के आरोप गलत हैं। उनका कार्य और व्यवहार दोनों ठीक नहीं था, जिसके बाद उन्हें टर्मिनेट किया गया है।

खबर लगातार अपडेट हो रही है।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।