इंदौर, 11 अगस्त 2024: भगवान पारसनाथ स्वामी के मोक्षकल्याणक अवसर पर मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज ने इंदौरवासियों को संबोधित करते हुए कहा कि “बदला लेने का आनंद एक दिन का होता है, लेकिन क्षमा करने का आनंद जीवन भर मिलता है।” उन्होंने अपने विचारों को साझा करते हुए कहा कि हमें अपने मन को बड़ा बनाना चाहिए, जिससे जीवन में आनंद का अनुभव होगा।

मुनि श्री ने उदाहरण देते हुए बताया कि मरूभूमि और कमठ के बीच की दुश्मनी दस जन्मों तक चली, लेकिन उन्होंने सवाल उठाया कि अगर इस घटना से भगवान पारसनाथ को इतने भव लग गए, तो हम लोगों को कितने भव लगेंगे? उन्होंने सभी से अपील की कि जिनके साथ भी कोई बैर हो, उनसे क्षमा मांग लें और मन को बड़ा बनाएं।

इसके अलावा, मुनि श्री ने इंदौर की जैन समाज में दो अलग-अलग सामाजिक संसद अध्यक्षों की मौजूदगी पर टिप्पणी की और इसे हास्यास्पद बताया। उन्होंने कहा कि यह एक अच्छी परंपरा नहीं है और आग्रह किया कि दोनों अध्यक्ष अपने पदों से इस्तीफा देकर सामाजिक एकता को मजबूत करें और नेक बनने का प्रयास करें।

इस अवसर पर नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि भारत की भूमि संतों की साधना के लिए प्रसिद्ध है और इंदौरवासी सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें मुनि श्री प्रमाणसागर जी महाराज का सानिध्य और जीवन परिवर्तन के उपदेश मिल रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन ब्र. अशोक भैया और ब्र. अभय भैया ने किया। प्रातः 6:30 बजे से मंगलाष्टक अभिषेक और शांतिधारा के उपरांत भगवान पारसनाथ का मोक्षकल्याणक मनाया गया। बालक-बालिकाओं ने घर से लाए हुए लाडू सजाकर पूजा की और उन्हें पुरस्कृत किया गया। आचार्य विद्यासागर महाराज के चित्र के सामने दीप प्रज्जवलन और मंगलाचरण किया गया।

धर्म प्रभावना समिति के अध्यक्ष अशोक डोसी, मुख्य पुन्यार्जक मुकेश पाटोदी परिवार, आनंद जैन, मनोज बाकलीवाल आदि ने अतिथियों का सम्मान किया और लाडू प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कार प्रदान किया।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।