विधानसभा से पारित हुआ था कानून – फिर भी लागू नहीं किया गया
इंदौर/भोपाल, 20 अप्रैल 2025: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। पटवारी ने कहा कि कांग्रेस सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है और जरूरत पड़ी तो 50 प्रतिशत आरक्षण की सीमा को भी तोड़ने के लिए तैयार है।
उन्होंने बताया कि तेलंगाना में कांग्रेस सरकार ने जनगणना करवाकर पूरे देश को एक मजबूत संदेश दिया है। मध्यप्रदेश में जब कमलनाथ की सरकार थी, तब 14 प्रतिशत से बढ़ाकर ओबीसी आरक्षण को 27 प्रतिशत किया गया था। पहले यह निर्णय अध्यादेश के माध्यम से लिया गया, लेकिन मार्च 2019 में आरएसएस और भाजपा से जुड़े आरक्षण विरोधी तत्वों ने एक मेडिकल छात्र से याचिका दायर करवाई, जिसके बाद अध्यादेश पर रोक लग गई।
पटवारी ने आगे कहा कि इसके बाद कमलनाथ सरकार ने विधायिका में कानून पास करवाकर ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण को मंजूरी दी, लेकिन सरकार बदलने के बाद इसे लागू नहीं किया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि ओबीसी विरोधी तत्व एक बार फिर सक्रिय हो गए और अब कार्यपालिका व विधायिका दोनों भाजपा के नियंत्रण में हैं, जिसके चलते ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय हो रहा है।
उन्होंने दावा किया कि हाई कोर्ट ने कभी भी 27 प्रतिशत आरक्षण के कानून पर रोक नहीं लगाई, केवल अध्यादेश पर अस्थायी रोक थी, जो छह महीने में स्वतः समाप्त हो जाती है। पटवारी ने सवाल उठाया कि जब कानून बन चुका था, तो शिवराज सरकार ने इसे लागू क्यों नहीं किया?
पटवारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने प्रशांत सिंह को एडवोकेट जनरल बनाया, जो आरएसएस के प्रचारक हैं और करोड़ों रुपये फीस लेकर सरकार की तरफ से कोर्ट में खड़े हुए। उन्होंने नर्सिंग घोटाले से लेकर ओबीसी आरक्षण जैसे मामलों में एक साथ दोनों पक्षों की पैरवी की, जो न्याय की मूल भावना के खिलाफ है।
उन्होंने कहा कि कोर्ट ने कभी भी यह नहीं कहा कि 14 से 27 प्रतिशत आरक्षण के बीच रोक लगाई जाए, लेकिन सरकार मीडिया में यह झूठा प्रचार कर रही है कि कोर्ट के कारण आरक्षण रोका गया है। यह विध्यार्थियों के हक पर सीधा हमला है।
पटवारी ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ओबीसी आरक्षण को रोकने की साजिश कर रहे हैं और पीछे के दरवाजे से कोर्ट में दखल देकर रुकावट डाल रहे हैं। प्रशांत सिंह इसकी पूरी पैरवी कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग, ADPO समेत विभिन्न विभागों में निकली 2 लाख से ज्यादा नौकरियों में 27 प्रतिशत आरक्षण लागू नहीं किया गया। कांग्रेस इन विभागों की सूची सामने लाकर इसका पर्दाफाश करेगी।
पटवारी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट ने 27 प्रतिशत आरक्षण पर कोई रोक नहीं लगाई है। भाजपा सरकार बार-बार कोर्ट की अवहेलना कर रही है और न्यायपालिका को चुनौती दे रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इस पूरे प्रकरण में यूथ फॉर इक्वलिटी नामक संस्था की भी भूमिका संदिग्ध है, जिससे एक संघ-समर्थक प्रोफेसर जुड़ा हुआ है।
भाजपा राज में अल्पसंख्यक होना पाप है ?
पटवारी ने ये भी कहा कॉंग्रेस नेता चिंटू चौकसे पर धारा 307 हत्या के प्रयास की धारा असंवैधानिक लगाई है। चौकसे वहाँ थे ही नहीं। मप्र में एक जैन साधु को मारा गया, सरकार मौन है। भाजपा के दो नेताओं ने जैन समुदाय को रावण कहा, भाजपा चुप रही। मुंबई में जैन समुदाय का इतना बड़ा मंदिर गिरा दिया। भाजपा के राज में अल्पसंख्यक होना पाप है ?