इंदौर, 27 अप्रैल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि उद्योग मंदिरों के समान हैं, जो लाखों लोगों को रोजगार रूपी आशीर्वाद देते हैं। इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित “टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025” में उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश अब केवल वादे नहीं करता, बल्कि उन्हें धरातल पर उतारकर विकास के पथ पर अग्रसर हो रहा है।
कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं, जिससे 75 हजार रोजगार के अवसर सृजित होंगे। जीआईएस भोपाल में आईटी सेक्टर के 99 एमओयू में से 25% का आज भूमि पूजन भी हुआ। प्रदेश में स्पेस टेक्नोलॉजी नीति बनाई जाएगी और साइबर सुरक्षा सेंटर ऑफ एक्सीलेंस की स्थापना होगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि भोपाल के बैरसिया में 1500 करोड़ रुपये के निवेश से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर विकसित किया जाएगा। इंदौर में एग्रीटेक सेंटर ऑफ एक्सीलेंस तथा आईआईटी इंदौर में कृषि नवाचार को बढ़ावा देने के लिए नई परियोजनाएं शुरू की जाएंगी।
कॉन्क्लेव में कंट्रोल-एस डेटा सेंटर, पंचशील इंफ्रा डेवलपर्स, दृष्टि आईआईटीआई इनक्यूबेशन सेंटर सहित कई परियोजनाओं का भूमि पूजन और लोकार्पण हुआ। इसके अलावा, 452.95 करोड़ रुपये के निवेश से अन्य औद्योगिक क्षेत्रों में 2000 से अधिक रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
“प्रोत्साहन पोर्टल” लॉन्च कर निवेशकों के लिए एकीकृत सुविधाओं का रास्ता आसान किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम “इरादों को निवेश में” और “नीतियों को क्रियान्वयन” में बदलने के संकल्प पर काम कर रहे हैं।
कॉन्क्लेव में नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट और मुख्य सचिव अनुराग जैन ने भी प्रदेश की औद्योगिक प्रगति पर प्रकाश डाला। टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव-2025 को प्रदेश की तकनीकी अर्थव्यवस्था के विकास में ऐतिहासिक कदम बताया गया।