कोर्ट का एतिहासिक (landmark) फैसला

युवक को झूठे रेप के आरोप में फँसाने वाली युवती को हुई जेल

युवती उतनी ही जेल की सजा काटेगी जितना निर्दोष युवक ने काटी

इंदौर

उत्तर प्रदेश के बरेली की एक अदालत ने दुष्कर्म के एक मामले में एतिहासिक फैसला सुनाया है। अदालत ने झूठे रेप के मामले में युवक को फँसाने वाली युवती को 4 वर्ष 6 माह 8 दिन की जेल की सजा सुनाई है। अदालत ने युवती को उतनी ही सजा मुकरर की है, जितना निर्दोष युवक युवती के झूठे आरोपों की वजह से अब तक जेल में काट चुका है।

कोर्ट की तल्ख टिप्पणी- युवती ने सुरक्षा कानून का दुरुपयोग किया

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार अतिरिक्त सत्र न्यायधीश ज्ञानेन्द्र त्रिपाठी की कोर्ट ने युवती को चार साल 6 माह 8 दिन की सजा सुनाई है।  साथ ही 5 लाख 88 हजार 822 रु का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं भरने पर 6 महीने की अतिरिक्त सजा काटनी पड़ेगी। अदालत ने  सजा सुनाते हुए कड़ी टिप्‍पणी की है। अदालत ने कहा कि दुष्‍कर्म जैसे जघन्‍य अपराध में फंसाने के लिए युवती ने सुरक्षा के लिए बनाए गए कानून का दुरुपयोग किया। इस कानून के तहत आरोपी को आजीवन कारावास तक की सजा मिल सकती थी।

क्या है मामला ?

सितंबर 2019 में युवती की माँ ने पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाई थी कि उसकी 15 वर्ष की नाबालिग बेटी का एक युवक ने अपहरण कर दुष्कर्म किया है। बालिका ने मजिस्ट्रेट के सामने 164 सीआरपीसी में अपने बयान भी दर्ज करवाए कि एक आदमी ने उसका अपहरण कर 6 दिन दिल्ली में एक कमरे में बंद रखा और कई बार दुष्कर्म किया। जांच के आधार पर आरोपी युवक को जेल हो गई। चार साल बाद लड़की क्रॉस वेरिफिकेशन में अपने पूर्व के बयान से मुकर गई और कहा कि आरोपी युवक निर्दोष है। युवती की माँ को युवक पसंद नहीं था, इसलिए उसने झूठी रिपोर्ट लिखवाई। वहीं इस बीच युवती की शादी हो गई थी। उसके पति के मुताबिक बार बार के कोर्ट ट्रायल से वह तंग आ चुका था, इसलिए उसने अपनी पत्नी को बयान बदलने के लिए कहा था ।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।