राजनेता बनने संघर्ष शील अभय जैन 4 दिन बाद ही हरियाली बचाने उतार पड़े मैदान में
मेरी बात लोगों तक पहुँच गई, मैं चुनाव जीत गया – जैन
इंदौर, 3 जून 2024
लोकसभा चुनाव 2024 सम्पन्न हो चुका है । इंदौर में चुनाव शुरू से ही एक पक्षीय रहा है। इसके बावजूद सभी प्रत्याशियों ने वोट पाने खूब मेहनत की, भीषण गर्मी में पसीना बहाया लेकिन इंदौर के एक निर्दलीय प्रत्याशी ऐसे हैं जो पसीना वोट के लिए नहीं अपना संदेश पहुंचाने के लिए बहा रहे थे और मतदान के चार दिन बाद पर्यावरण की रक्षा के लिए पेड़ बचाने मैदान में पहुँच गए हैं और तब से पेड़ों को काटने से बचाने के लिए डटे हुए हैं । हम बात कर रहे हैं संघ की पृष्ठभूमि से अलग होकर खुद की जनहित पार्टी खड़ी करने वाले और इंदौर लोक सभा के लिए निर्दलीय लड़ने वाले अभय जैन की ।
60 वर्षीय अभय जैन newso2 से चर्चा करते हुए बताते हैं कि वे अपने मुद्दों को, अपनी बात को जनता के बीच पहुंचाने में कामयाब हैं, लिहाजा वे चुनाव जीत गए हैं। जैन ने पूरा चुनाव सादगी और व्यक्तिगत जन- संपर्क करके लड़ा। यहाँ तक उनका सोशल मीडिया अकाउंट भी नहीं है । जैन कहते हैं कि उन्हें मतों की संख्या से फर्क नहीं पड़ता है । जैन बताते हैं कि वे अपनी जीत का जश्न पर्यावरण संरक्षण करके मना रहे हैं। जैन बताते हैं कि चुनाव के चार दिन बाद ही वे पेड़ बचाओ मुहिम में जुड़ गए थे। एक हजार पेड़ों का अब तक पंचनामा बनवा लिया है। हस्ताक्षर अभियान चला रहे हैं जिसमें अब तक पाँच हजार से अधिक लोगों ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर दिये हैं। 5 जून को हम राजबाड़ा पर मानव श्रंखला बना रहे हैं और 10 जून को राजबाड़ा से रीगल चौराहे तक पद यात्रा निकालेंगे और फिर कमिश्नर को हस्ताक्षर ज्ञापन सौंपेंगे ।
धन-बल से मुक्त हो राजनीति
सादगी से चुनाव लड़ने के लिए ख्यात अभय जैन ने बताया कि उनका कुल साढ़े तीन लाख रु चुनाव में खर्च हुआ है जिसमें 25 हजार की सिक्योरिटी डिपॉजिट, एक लाख के पेम्प्लेट, एक लाख के बैनर और एक लाख परिवहन जैसे वाहन साउंड सिस्टम पर खर्च हुआ है। जैन बताते हैं कि उनके मुद्दे शिक्षा का व्यापार, चिकित्सा- स्वास्थ्य और नशे के कारोबार पर पाबंदी लगवाना है। जैन ने कहा कि हमने सादगी से चुनाव लड़ कर धन – बल से राजनीति को मुक्त करने का संदेश दिया है।
क्या है पेड़ बचाओ आंदोलन ?
मध्य प्रदेश के हृदय स्थल इंदौर कभी अपने शीतल भरे मौसम के लिए जाना जाता था लेकिन हरियाली कम होने से यहाँ इस बार रिकार्ड तोड़ गर्मी पड़ रही है। शहर के विकास के लिए पेड़ों को हरे भरे और पुराने दरख्तों को काटा जा रहा है, जिसे अभय जैन की जनहित पार्टी और अन्य सामाजिक संगठन आगे आ गए हैं।
पेड़ों का बनाया जा रहा पंचनामा , कोर्ट में करेंगे पेश
अभय जैन बताते हैं कि एमओजी लाइन क्षेत्र में अलग-अलग संस्थाओं के करीब 60 लोग इस क्षेत्र में पेड़ों की गिनती करने, उन पर नंबरिंग करके तख्ती लगाने, उसकी प्रजाति का नाम लिखना, उसके तने की परिधि को नापना और अंदाज से कितना ऊंचा पेड़ है, इसका ब्यौरा तैयार करने का काम कर रहे है । तीन- तीन लोगों की टोली बनाकर यह काम चल रहा है जिसमें कई लोग अपने परिवार और बच्चों के साथ आए हैं। इन पेड़ों की बचाने के लिए यह एक प्रकार का पंचनामा है। इस क्षेत्र में 500 से 1000 वृक्ष है जो कटने वाले हैं, इन सब का पूरा ब्यौरा हाईकोर्ट में प्रस्तुत किया जाएगा ताकि पेड़ न कटे।
51 लाख पेड़ लगाने पर जैन ने दी प्रतिक्रिया
इंदौर में कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय द्वारा 51 लाख पौधे लगवाने के प्रश्न पर अभय जैन ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि पेड़ लगाना अच्छी बात है लेकिन इस बात की सुनिश्चितता हो कि पेड़ काटने का एक भी लाइसेन्स जारी न हो। पहले पेड़ लगाओ, फिर काटो, फिर लगाओ , बेहतर है जो पेड़ हैं उन्हें संरक्षित करें और जो नए पेड़ लगाए जा रहे हैं उन्हें भी भविष्य में काटा न जाये, इस बात की गारंटी हो, तब मुहिम सफल है।