सतीश जैन,इंदौर

06 अगस्त 2024

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छत्रपति नगर के दलाल बाग में मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने मंगलवार को अपने प्रवचन में कहा कि प्रभु तक पहुंचने के दो मार्ग हैं—एक संसार से होकर भगवान की ओर जाना और दूसरा गुरु के निर्देशन में प्रभु की ओर जाना। उन्होंने कहा कि इस पृथ्वी पर गृहस्थों की संख्या बहुत बड़ी है, और उन्हें परम लक्ष्य प्राप्त करने में कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है।

मुनि श्री ने कहा कि गृहस्थों के जीवन में भटकाव और असंतुलन की स्थितियाँ होती हैं। इंद्रिय सुखों का धोखा और बुढ़ापे की समस्याएँ गृहस्थों के मार्ग को कठिन बना देती हैं। उन्होंने बताया कि गृहस्थों के जीवन में तीन सूत्र होते हैं: माना कि, चुकीं, और इसलिए। मन के भ्रम के कारण यथार्थ का अनुभव कठिन होता है।मुनि श्री ने आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज को अपने जीवन में भगवान की उपस्थिति मानते हुए, उनकी आज्ञा को भगवान की आज्ञा समझा और कहा कि जीवन में गुरुदेव के प्रति कभी भी कषाय उत्पन्न नहीं हुई।

दिगंबर जैन समाज के सामाजिक संसद के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि आज प्रातः गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के बाद सभी श्रावक-श्राविकाओं ने आठ द्रव्यों से पूजन किया। इस अवसर पर मनोज बाकलीवाल, मनीष नायक, सतीश डबडेरा, सचिन जैन, सतीश जैन, पीसी जैन, शिरीष अजमेरा, कमल अग्रवाल, अमित जैन, आलोक बंडा आदि विशेष रूप से उपस्थित थे। पूज्य मुनि श्री निस्वार्थ सागर जी एवं क्षुल्लक श्री हीरक सागर जी महाराज भी मंच पर विराजित थे।

प्रत्येक दिन प्रातः 6:00 बजे आचार्य भक्ति, 7:00 बजे कलश पूजन, और 7:45 पर शांति धारा मंदिर में पूजा होती है। इसके बाद 8:30 बजे से आचार्य श्री जी की पूजन, और 9:00 बजे से प्रवचन दलाल बाग में आयोजित किए जा रहे हैं। तत्पश्चात आहार चर्या होती है।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।