इंदौर,10 अगस्त 2024

मुनि श्री प्रमाणसागर महाराज ने रेसकोर्स रोड स्थित मोहताभवन में प्रातःकालीन प्रवचन सभा को संबोधित करते हुए कहा कि “धर्म संकटों को टालता नहीं, धर्म संकटों में व्यक्ति को संभालता है।” उन्होंने धार्मिक आचरण की विभिन्न श्रेणियों की चर्चा की और कहा कि कुछ लोग धर्म को स्वार्थ, परंपरा, भय, या ग्लैमर के कारण अपनाते हैं, जबकि कुछ लोग सदगति प्राप्ति के लिए धर्म से जुड़ते हैं।

मुनि श्री ने बताया कि जो लोग धर्म को किसी आकांक्षा के साथ जोड़ते हैं और उनकी आकांक्षा पूरी नहीं होती, वे जल्दी धर्म से विमुख हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि “जो लोग धर्म की गहराई से जुड़े रहते हैं, वही संकटों में अपने आप को संभाल लेते हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि धर्म केवल एक क्रिया नहीं है, बल्कि जीवन को रूपांतरित करने का एक प्रयोग है। उपवास का सही अर्थ कषायों को गलाना है, न कि केवल शरीर को सुखाना।

मुनि श्री ने कहा कि कुछ लोग धर्म को धंधे की मानसिकता से अपनाते हैं, जो बाहरी दिखावे में धर्मी लगते हैं लेकिन भीतर से पापी होते हैं। उन्होंने धर्म के असली स्वरूप को आध्यात्मिक जागरण बताया, जिसे सम्यक् दर्शन कहा जाता है। ऐसा आध्यात्मिकता प्रकट होने पर ही विचारों में नैतिकता की गंध आती है और जीवन सार्थक होता है।

धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू और प्रवक्ता अविनाश जैन ने बताया कि रविवार को भगवान श्री पारसनाथ के मोक्षकल्याणक अवसर पर प्रातः 6:30 बजे से भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा होगी। इसके बाद संगीतमय पूजन, मुनिसंघ की देशना और दोपहर 3:30 से 5:30 बजे तक युवाओं के लिए मोटीवेशन स्पीच मुनिश्री द्वारा दी जाएगी। धर्म प्रभावना समिति ने सभी से अनुरोध किया है कि वे इन कार्यक्रमों में अवश्य पधारें।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।