जानिए क्या हुआ कोर्ट में

12 अगस्त 2024

देश की अदालतों में इन दिनों अजब-गज़ब मामले पहुँच रहे हैं। ऐसा ही एक मामला उन पुलिस कर्मियों के बारे में सामने आया है जिनकी तैनाती किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा के संभू बॉर्डर पर की गई थी। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट में दायर एक जनहित याचिका में दावा किया गया है कि किसानों के खिलाफ कथित तौर पर बर्बरता करने वाले 6 पुलिस अधिकारियों के नामों की अनुशंसा वीरता पुरुषकार के लिए की गई है। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से उपस्थित ASG एडिशनल सॉलिसीटर जनरल  सत्यपाल जैन ने कोर्ट को बताया कि संभू बॉर्डर पर तैनात पुलिस कर्मियों को वीरता पुरुष्कार देने के लिए हरियाणा सरकार की सिफ़ारिशों को फिलहाल रिमांड पर भेज दिया गया है। जिस पर अदालत ने यह माना कि फिलहाल किसी पुलिस कर्मी को वीरता पुरुष्कार दिये जाने की घोषणा नहीं की गई है। लिहाजा याचिका को वापस ले लिया मानकर खारिज कर दिया गया है।

क्या कहा गया है याचिका में

Lawyers for humanity नामक संस्था के द्वारा दायर याचिका में कहा गया है कि देश के निर्दोष नागरिकों पर हरियाणा सरकार अपनी शक्तियों का दुरुपयोग कर अत्याचार कर रही है। इस अत्याचार में जुटे पुलिस अधिकारियों को वीरता पुरुष्कार दिये जाने का फैसला किया गया है। जबकि वीरता पुरुष्कार उन सैनिकों और उन पुलिस अधिकारियों को दिया जाता है जिन्होने राष्ट्र के लिए और राष्ट्र विरोधी शक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी है। लेकिन निर्दोष लोगों को मारना स्पष्ट रूप से ऐसे पुलिस अधिकारियों को वीरता पुरुष्कार देने का आधार नहीं हो सकता है।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।