कॉलेज दस्तावेजों के बदले मांग रहा था 30 लाख रु

इंदौर, 14 अगस्त 2024

इंदौर के एमजीएम मेडिकल कॉलेज (महात्मा  गांधी स्मृति चिकित्सा महाविधायलय) के डीन डॉ संजय दीक्षित को आज इंदौर हाई कोर्ट की  युगल पीठ ने रूबरू होने पर फटकार लगाई है ।  दरअसल कोर्ट के आदेश के बावजूद डीन और एमजीएम प्रबंधन एक पीड़ित छात्रा के साथ न्याय नहीं कर रहा था। आपको बता दें कि पीजी की एक छात्रा से एमजीएम प्रबंधन 30 लाख रु की मांग कर रहा था । इसी तरह एक छात्रा और है, जो हाई कोर्ट की शरण में गई है। डीन डॉ संजय दीक्षित ने न्यूजओ2 को बताया कि उस दूसरी छात्रा के भी मूल दस्तावेज़ लौटाने की प्रक्रिया चल रही है।

मामला यह है कि पीड़ित छात्रा ने पीजी पाठ्यक्रम में प्रवेश तो लिया लेकिन बीच में ही उसने कोर्स छोड़ दिया । जिसके बाद छात्रा के ओरिजिनल documents लौटाने के बदले मेडिकल कॉलेज उससे 30 लाख रु की मांग कर रहा था। जिस पर पीड़ित छात्रा ने हाई कोर्ट का दरबाजा खटखटया था । हाई कोर्ट ने 30 लाख रु वसूलने वाले नियम को खारिज करते हुए अविलंब छात्रा को उसके मूल दस्तावेज़ लौटाने का आदेश दिया था । इस आदेश की पालना नहीं होने पर पीड़िता के वकील आदित्य सांघी ने बताया कि हाई कोर्ट में आज बुधवार को डीन डॉ संजय दीक्षित हाजिर हुए थे।  जिस पर आनन-फानन में आज कोर्ट पहुंचे डीन ने छात्रा को कोर्ट में ही दस्तावेज़ सुपुर्द किए हैं। इसके बाद कोर्ट ने डॉ दीक्षित को फटकार लगाई है।

हम पूर्व में दिये शासन के निर्देश का पालन कर रहे थे। वरिष्ठों से बात करने के बाद कोर्ट के आदेश पर दस्तावेज़ आज लौटा दिये हैं।

डॉ संजय दीक्षित, डीन

एमजीएम मेडिकल कॉलेज, इंदौर

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार | आरटीआई कार्यकर्ता | राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, UNI से जुड़े। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta और NewsO2.com से जुड़े। निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।