सुप्रीम कोर्ट की युगल पीठ ने कलकत्ता हाईकोर्ट के उस फैसले को खारिज कर दिया है जिसमें किशोरियों के यौन व्यवहार के बारे में विवादास्पद टिप्पणी की गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने महत्वपूर्ण निर्देश देते हुए कहा है कि किशोरियों के यौन व्यवहार के बारे में कोई भी टिप्पणी करना उनके निजता के अधिकार का उल्लंघन है।

युगल पीठ के जस्टिस अभय ओका और जस्टिस उज्जल भुयान की पीठ ने हाई कोर्ट का वह फैसला पलट दिया है जिसमें एक नाबालिग के साथ यौन गतिविधि में लिप्त पाये गए एक युवक को रिहा कर दिया था।

दरअसल, 2023 में एक मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने लड़के- लड़कियों द्वारा पालन किए जाने वाला एक सेट निर्धारित किया जिसमें कोर्ट ने कहा था- प्रत्येक किशोरी का कर्तव्य है कि वह यौन इच्छाओं पर नियंत्रण रखे। समाज के सामने वह तब हार जाती है जब 2 मिनट के सुख के लिए वह झुक जाती है।


By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।