इंदौर,29 सितंबर 2024

देश की आर्थिक प्रगति को तेज़ करने के लिए ज़रूरी है कि जिलों को विकास की धुरी बनाया जाए। यह कहना है भारत सरकार के नीति आयोग के फेलो और वरिष्ठ अर्थशास्त्री आशीष कुमार का। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में इंदौर और भिंड के बीच प्रति व्यक्ति आय में बढ़ती खाई को पाटना आवश्यक है।

वे इंदौर के अभ्यास मंडल की 63वीं व्याख्यान माला के पहले दिन श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम का शुभारंभ इंदौर के सांसद शंकर लालवानी और वरिष्ठ अभिभाषक अशोक चितले ने दीप प्रज्वलित कर किया।

मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति पर विचार

आशीष कुमार ने कहा कि राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में मध्य प्रदेश का योगदान 5-6% है, जो राष्ट्रीय औसत से कम है। इसे बढ़ाने की दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश एक ट्रिलियन इकोनॉमी बनने की दिशा में आगे बढ़ रहा है, जबकि तमिलनाडु और महाराष्ट्र भी तेज़ी से विकास कर रहे हैं। ऐसे में मध्य प्रदेश को भी औद्योगीकरण और उत्पादन के क्षेत्र में स्थायित्व और निरंतरता लानी होगी।

इंदौर और भिंड के बीच आय में बढ़ती खाई

आशीष कुमार ने बताया कि इंदौर में प्रति व्यक्ति आय 1.51 लाख रुपए है, जबकि भिंड में यह मात्र 66,000 रुपए है। इसी तरह, भोपाल में आय 1.40 लाख रुपए है, जबकि झाबुआ में यह 68,000 रुपए है। उन्होंने इस खाई को पाटने की आवश्यकता पर ज़ोर दिया और कहा कि सरकार को यह सुनिश्चित करना होगा कि अन्य जिलों में भी प्रति व्यक्ति आय बढ़े।

जिला विकास की मूल इकाई

आशीष कुमार ने कहा कि विकास की मूल इकाई जिला होती है और इसे मजबूत किए बिना देश का विकास संभव नहीं है। अगर जिलों को अनदेखा किया गया तो देश में असमानता बढ़ेगी। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत सरकार को 73वें और 74वें संविधान संशोधन के तहत नगरीय निकायों को दिए गए अधिकारों को सशक्त बनाना चाहिए।

कार्यक्रम के अंत में अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने आभार व्यक्त किया। कल, 30 अगस्त को पद्मभूषण मालिनी अवस्थी का व्याख्यान होगा, जिसमें वे “लोक के आलोक में भारत” विषय पर चर्चा करेंगी। व्याख्यान शाम 6:30 बजे जाल सभागृह में आयोजित किया जाएगा।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।