इंदौर,30 अगस्त 2024
पद्म भूषण मालिनी अवस्थी ने कहा कि पाश्चात्य संस्कृति ने भारतीय जीवन दर्शन का सबसे अधिक अहित किया है। वे आज शाम जाल सभागृह में अभ्यास मंडल की 63वीं वार्षिक व्याख्या माला की दूसरी संध्या को संबोधित कर रही थीं। उनका विषय था “लोक के आलोक में भारत”।
मालिनी अवस्थी ने कहा कि भारतीय माटी के गीत पूरे लोक में भारत के आलोक के प्रतीक हैं। इन गीतों में हमारे गौरवशाली अतीत, ज्ञान परंपरा और सभी को सम्मान देने का भाव नजर आता है। उन्होंने भारतीय लोकगीतों में जीवन मूल्यों और संस्कृति के दर्शन को परोसे जाने की बात की और उदाहरण के रूप में अवध क्षेत्र की परंपराओं का उल्लेख किया।
उन्होंने यह भी बताया कि भारत से पूरा विश्व यह सिखता रहा है कि सृष्टि एक परिवार है। पोलैंड के राजा को भारत द्वारा दी गई शरण का उदाहरण देते हुए उन्होंने भारतीय संस्कृति की वैश्विक स्वीकार्यता की पुष्टि की। मालिनी अवस्थी ने कहा कि हमारे लोकगीतों में जाति और धर्म का कोई भेद नहीं है, बल्कि गुण ही महानता का मापदंड है।
वे इस बात पर भी जोर दी कि पाश्चात्य दृष्टि ने भारतीय सोच और संस्कारों को प्रभावित किया है, जिससे भारतीय परिवारों में टूटन शुरू हुई है। उन्होंने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा, लोकगीत और लोक कहानियाँ सदा बनी रहेंगी और आने वाला समय भारत का है।
इस कार्यक्रम में पूर्व सांसद एवं लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रवक्ता शोभा ओझा, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मालवा प्रांत के प्रमुख कृष्ण कुमार अस्थाना, और इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष पंडित कृपा शंकर शुक्ला विशेष रूप से मौजूद थे।
कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों का स्वागत वैशाली खरे, नेताजी मोहिते, और फादर पायस लकरा ने किया। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार हरे राम बाजपेई ने किया, और आभार प्रदर्शन पीथमपुर औद्योगिक संगठन के अध्यक्ष गौतम कोठारी ने किया।
आज का व्याख्यान: अभ्यास मंडल के शिवाजी मोहिते ने बताया कि 31 अगस्त शनिवार को सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायाधिपति राजेश बिंदल का व्याख्यान होगा। विषय होगा “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस: अवसर एवं चुनौती”, जो शाम 6:30 बजे जाल सभागृह में शुरू होगा। महापौर पुष्यमित्र भार्गव भी इस अवसर पर उपस्थित रहेंगे।