सतीश जैन,इंदौर, 13 सितंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। आज उत्तम तप धर्म का दिन है। तप का अर्थ है तपाना— न केवल शरीर को, बल्कि उस कर्म को भी, जो आत्मा के प्रदेशों में बंधा हुआ है। मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज ने दलाल बाग, छत्रपति नगर में धर्मसभा के दौरान तप के महत्व पर अपने विचार प्रकट किए। उन्होंने बताया कि तप 12 प्रकार के होते हैं— 6 बाह्य तप और 6 अंतरंग तप।
बाह्य तप– अनशन, अवमौदर्य, वृत परि संख्यान, रस परित्याग, काय क्लेश, विविक्त शयनासन
अंतरंग तप–प्रायश्चित, विनय, वैयावृत्य, स्वाध्याय, ध्यान, व्युत्सर्ग
मुनि श्री ने कहा कि तप शरीर या मन से नहीं होता, बल्कि आत्मा से होता है। उन्होंने यह भी कहा कि आत्मा की शक्ति को प्रकट करने का नाम तप है। शरीर से उपवास करने का अर्थ केवल भोजन न करना नहीं है, बल्कि उस आकुलता को सहने का नाम तप है। सही विधि से तप करने पर शरीर या ज्ञान टूटता नहीं है। उन्होंने बताया कि हम शारीरिक तप तो करते हैं, लेकिन मानसिक तप को नजरअंदाज कर देते हैं।
उन्होंने गृहस्थ जीवन में तप की परिभाषा को समझाते हुए कहा कि जब शरीर को पानी या भोजन की जरूरत होती है, तो वह वातावरण से उसकी पूर्ति करता है। इस दौरान शरीर का हर कण खिल उठता है। उन्होंने कहा कि तप आत्मा की सुरक्षा के लिए है और शरीर को साधने के लिए बाह्य तप का अभ्यास किया जाता है। समाज के प्रचार प्रमुख सतीश जैन ने बताया कि आज मिश्री भेंट करने का सौभाग्य श्रीमती ज्योति जैन, रजत जैन, शेफाली जैन और मीना जैन को प्राप्त हुआ। जिन श्रावकों ने उपवास किया है, उनका पारणा 18 सितंबर को मुनि श्री विनम्र सागर जी महाराज के समक्ष होगा।
कल, रविवार 15 सितंबर को “आरती के पक्ष कौन बनेगा विनम्र शिरोमणि” कार्यक्रम का आयोजन होगा, जिसका संचालन अनुराग जैन करेंगे। प्रातः गुरुदेव के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलन के बाद सभी शिविरार्थियों ने आठ द्रव्यों से पूजन की। सुबह 5 बजे से मांगलिक क्रियाओं की शुरुआत हुई। दोपहर 3 बजे से तत्वार्थ सूत्र का वाचन हुआ और रात 7 बजे से संगीतमय आरती का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर समाज के कई गणमान्य सदस्य उपस्थित थे, जिनमें राकेश सिंघई, मनीष नायक, सतीश डबडेरा, आनंद जैन, अमित जैन और शिरीष अजमेरा आदि शामिल थे। मंच पर मुनि श्री निस्वार्थ सागर जी, निसर्ग सागर जी और क्षुल्लक श्री हीरक सागर जी भी विराजमान थे। प्रवचन के पश्चात, धर्मसभा का सफल संचालन ब्रह्मचारी मनोज भैया द्वारा किया गया।