नई दिल्ली/इंदौर, 29 सितंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। इलेक्टोरल बॉन्ड कथित घोटाले में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के खिलाफ मामला दर्ज होने के बाद कांग्रेस ने भाजपा पर जोरदार हमला बोला है। कांग्रेस ने सीतारमण से इस्तीफा मांगा और घोटाले की जांच के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) के गठन और संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की मांग को दोहराया।

कांग्रेस मुख्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में पार्टी के संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश और कांग्रेस विधि, मानवाधिकार एवं आरटीआई विभाग के अध्यक्ष डॉ. अभिषेक मनु सिंघवी ने भाजपा पर गंभीर आरोप लगाए। जयराम रमेश ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने 15 फरवरी 2024 को इलेक्टोरल बॉन्ड योजना को असंवैधानिक करार दिया था, और इसके बाद भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को इस योजना से जुड़ी जानकारियों को सार्वजनिक करना पड़ा।

कांग्रेस ने आरोप लगाया कि इस योजना के माध्यम से भाजपा ने पिछले साढ़े पांच सालों में 6,000 करोड़ रुपये से अधिक का चंदा जुटाया है। बेंगलुरु की एक विशेष अदालत के निर्देश पर अब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज हुआ है, जिसमें सीतारमण आरोपी नंबर एक हैं। कांग्रेस ने वित्त मंत्री पर राजनीतिक, नैतिक और कानूनी आधार पर तुरंत इस्तीफा देने का दबाव डाला।

अभिषेक मनु सिंघवी ने भी इस मुद्दे पर विस्तार से बताया कि मीडिया ने पिछले साल भर में इलेक्टोरल बॉन्ड से जुड़ी कई रिपोर्टें प्रकाशित की हैं, जिनमें इस घोटाले से जुड़े तथ्य उजागर किए गए हैं। उन्होंने दावा किया कि कई कंपनियों और व्यक्तियों ने इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे, और इसके बाद उनके खिलाफ चल रही जांच धीमी पड़ गई। कांग्रेस ने यह भी आरोप लगाया कि जिन कंपनियों का पूंजी निवेश 100 करोड़ रुपये से कम था, उन्होंने 500 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड खरीदे। सिंघवी ने कहा कि एफआईआर दर्ज होने के बाद वित्त मंत्री आरोपी नंबर एक के रूप में सामने आई हैं और कुल घोटाले की राशि 8,000 करोड़ रुपये है। कांग्रेस ने इस मामले में आरबीआई के गवर्नर की आपत्तियों का भी जिक्र किया, जिन्हें दरकिनार करते हुए सरकार ने मनी बिल के रूप में इस योजना को पारित किया।