इंदौर, 24 दिसंबर 2024,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: मध्य भारत के व्यावसायिक  केंद्र के रूप में ख्यात इंदौर के कपड़ा व्यापारी इन दिनों एक नई चुनौती का सामना कर रहे हैं। दरअसल व्यापारिक लेन-देन में सामान्यतः शत प्रतिशत तक अपनी जगह बना चुके ‘डिजिटल भुगतान’ ने व्यवसायियों को आशंकित कर रखा है। आप समझ रहे होंगे, हम यहां साइबर फ्रॉड की बात करने वाले हैं। जी नहीं! यह समस्या सीधे तौर पर साइबर फ्रॉड की नहीं है। 

..तो नहीं लेंगे यूपीआई से पेमेंट  

यह समस्या है खरीदी के एवज में मिलने वाले यूपीआई के जरिए भुगतान की। कपड़ा व्यापारी एसोसिएशन के अक्षय जैन ने दावा करते हुए बताया कि उनका बेटा स्वयं शिकार हो चुका है। जैन यह भी दावा करते हैं कि उनके बेटे के अलावा बीते आधा दर्जन व्यापारी उन्हें बीते छह माह में इसी तरह के अपने शिकवा-शिकायत और अनुभवों से अवगत करवा चुके हैं। इंदौर शहर के परेशान व्यापारियों की ओर से अक्षय जैन ने कहा कि हालात यही रहे और इस समस्या का कोई स्थायी समाधान नहीं निकला तो वे यूपीआई से पेमेंट नहीं लेने तक का कड़ा फैसला ले सकते हैं। 

8 माह से उलझा है निर्दोष व्यापारी 

आपको समस्या का वैकल्पिक समाधान बताने से पहले हम आपको ये बता दें कि दरअसल समस्या है क्या ? स्वयं भुक्तभोगी और कई भुक्तभोगी व्यापारियों की इसी तरह की समस्याओं से रूबरू होने का दावा करने वाले अक्षय जैन की मानें, तो हो ये रहा है कि दुकान पर आने वाले ग्राहक कपड़े खरीदकर पेमेंट यूपीआई से कर निकल जाते हैं। अब ऐसे में पेमेंट करने वाले ग्राहक यदि किसी ऑनलाइन फ्रॉड की यूपीआई लिंक में जाने-अनजाने में शामिल पाए जाते हैं तो बैंक उसी ग्राहक से यूपीआई भुगतान प्राप्त करने वाले दुकानदार का बैंक खाता ब्लॉक कर देता है। ऐसे ही जाल में उलझे एक व्यापारी का बैंक खाता बीते 8 माह से ब्लॉक है। 

अब इसके साइड इफेक्ट को भी जान लीजिये 

ऐसे मामलों में अब जब-तक मामले की जांच करने वाली एजेंसियां और आरबीआई असल आरोपी तक नहीं पहुँच जाती, तब तक व्यापारी का पैसा फंसा रहेगा। व्यापारियों के प्रतिनिधि जैन का दावा है कि इस बीच बैंक खाता भी ब्लॉक रहता है। आपके आगामी दिनों में भुनाए जाने वाले चेक बाउंस होंगे। खाते में पड़ी राशि ब्लॉक रहेगी।         

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

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