शासकीय कृषि कॉलेज इंदौर: डीन को हटाने की मांग पर एक महीने से धरने पर छात्र, जांच रिपोर्ट में गंभीर अनुशंसाएं

इंदौर। शासकीय कृषि महाविद्यालय, इंदौर के छात्रों ने डीन डॉ. भरत सिंह को पद से हटाने की मांग को लेकर बीते एक महीने से धरना दे रखा है। छात्रों का आरोप है कि डॉ. सिंह ने कथित रैगिंग के मामले में शामिल छात्रों के प्रति विद्वेषपूर्ण रवैया अपनाते हुए उनका ट्रांसफर कर दिया। इसके साथ ही उन पर महिला प्रोफेसरों के साथ दुर्व्यवहार और आंतरिक जांच समिति (ICC) में मनमाने ढंग से जूनियर सदस्यों की नियुक्ति करने जैसे गंभीर आरोप लगे हैं।

कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन, एडीएम को सौंपी गई जांच

छात्रों ने इन आरोपों को लेकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा, जिसके बाद कलेक्टर आशीष सिंह ने मामले की जांच का जिम्मा एडीएम रोशन राय को सौंपा। एडीएम राय ने एक जांच समिति का गठन किया, जिसने अब रिपोर्ट सौंप दी है।

डीन को हटाने और ICC के पुनर्गठन की अनुशंसा

सूत्रों के अनुसार, जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट में अनुशंसा की है कि जब तक जांच पूरी नहीं होती, तब तक डीन डॉ. भरत सिंह को पद से हटाया जाए। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि कॉलेज में डीन की नियुक्ति वरिष्ठता के आधार पर नहीं की गई है, जिससे छात्रों और स्टाफ में असंतोष है। हालांकि आधिकारिक पुष्टि होना शेष है। एडीएम रोशन राय ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वे जांच रिपोर्ट का जल्द ही खुलासा करेंगे।

इसके अलावा, कॉलेज की आंतरिक शिकायत समिति (ICC) में वरिष्ठ सदस्यों की जगह जूनियर सदस्यों की नियुक्ति पर सवाल उठाए गए हैं। रिपोर्ट में पूछा गया है कि क्या जूनियर सदस्य वरिष्ठों की जांच कर सकते हैं? इसलिए समिति ने ICC का नए सिरे से गठन करने की अनुशंसा की है।

छात्रों का आंदोलन जारी

छात्रों का कहना है कि जब तक डीन को पद से हटाया नहीं जाता और उनकी अन्य मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।

अब निगाहें प्रशासन के अगले कदम पर टिकी हैं।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।