8 अगस्त 2024

केंद्र सरकार के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरण रिजुजु ने बक्फ बोर्ड संसोधन बिल 2024 आज लोकसभा में पेश किया है। इस बिल का विपक्षी दलों द्वारा सदन में जमकर विरोध किया गया है। वहीं सत्तासीन भाजपा सरकार के घटक दलों TDP (तेलगुदेशम पार्टी) और JDU (जनता दल यूनाइटेड) ने इस बिल को समर्थन दिया है।

समाजवादी पार्टी प्रमुख और यूपी के कन्नोज से सांसद अखिलेश यादव ने इस संसोधन को सोची-समझी साजिश बताया। पश्चिम बंगाल के सांसद कल्याण बनर्जी ने कहा कि इस संसोधन से मुस्लिमों को टार्गेट किया जा रहा है। यूपी के सहारनपुर से सांसद इमरान मसूद ने विरोध दर्ज करते हुए कहा इस बिल से मुस्लिमों को जोड़ने का नहीं तोड़ने का काम किया जा रहा है।

ओवैसी ने पूछा क्या बिलकिस बानो को बनाएँगे मेंबर ?

AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने भी विरोध दर्ज कराते हुए कहा कि वक्फ प्रॉपर्टी पब्लिक प्रॉपर्टी नहीं है। वक्फ प्रॉपर्टी का मतलब मस्जिद और दरगाह की जगह है। सरकार कह रही है कि हम महिलाओं को मेंबर बनाएँगे। क्या वे बिलकिस बानो को मेंबर बनाएंगे? यह सरकार मुसलमानों की दुश्मन है।

किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष ने इस बिल का विरोध करते हुए जो तर्क दिए हैं वो स्टैंड नहीं करते हैं। रिजुजु ने दावा किया कि इस बिल में संविधान के किसी भी प्रावधान का उल्लंघन नहीं है।

वक्फ क्या होता है?
वक्फ कोई भी चल या अचल संपत्ति हो सकती है, जिसे इस्लाम को मानने वाला कोई भी व्यक्ति धार्मिक कार्यों के लिए दान कर सकता है। इस दान की हुई संपत्ति का कोई भी मालिक नहीं होता है। दान की हुई इस संपत्ति का मालिक अल्लाह को माना जाता है। लेकिन, उसे संचालित करने के लिए कुछ संस्थान बनाए गए हैं, जिन्हें वक्फ बोर्ड कहा जाता है। 

वक्फ कैसे किया जा सकता है? 
वक्फ करने के अलग-अलग तरीके हो सकते हैं। जैसे- अगर किसी व्यक्ति के पास एक से अधिक मकान हैं और वह उनमें से एक को वक्फ करना चाहता है तो वह अपनी वसीयत में एक मकान को वक्फ के लिए दान करने के बारे में लिख सकता है। ऐसे में उस मकान को संबंधित व्यक्ति की मौत के बाद उसका परिवार इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। उसे वक्फ की संपत्ति का संचालन करने वाली संस्था आगे सामाजिक कार्य में इस्तेमाल करेगी। इसी तरह शेयर से लेकर घर, मकान, किताब से लेकर कैश तक वक्फ किया जा सकता है। 

संसोधन का विरोध क्यों ?

इस नए बिल के लागू होने से वक्फ संचालित करने की सारी शक्ति जिला प्रशासन यानि जिला कलेक्टर के पास होगी। सरकार का तर्क है कि यह संसोधन पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए लाया गया है।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।