तारीख: 18 मार्च 2025
🗳️ चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को दी जानकारी
चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट को सूचित किया कि नवनियुक्त मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार मतदाता टर्नआउट डेटा और फॉर्म 17C (जो प्रत्येक बूथ पर डाले गए वोटों का रिकॉर्ड रखता है) के प्रकाशन से जुड़ी चिंताओं पर विचार करने के लिए तैयार हैं।
👉 याचिकाकर्ताओं को 10 दिन के भीतर अपने सुझाव देने होंगे
👉 TMC सांसद महुआ मोइत्रा सहित कई संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की
👉 चुनाव आयोग ने कहा- मतदान गणना प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहेगी
⚖️ सुप्रीम कोर्ट का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट की मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की खंडपीठ ने याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया कि वे 10 दिनों के भीतर चुनाव आयोग को अपना प्रतिनिधित्व सौंपें।
🔎 फॉर्म 17C डेटा पर क्यों हो रही है बहस?
याचिकाकर्ताओं ने अदालत में यह तर्क दिया कि मतदान के दिन घोषित वोटिंग डेटा और बाद में प्रकाशित आंकड़ों में भारी अंतर देखा गया है। चुनाव आयोग की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मनिंदर सिंह ने इस पर कहा कि मतदान प्रक्रिया के दौरान बूथ पर इंटरनेट या मोबाइल फोन की अनुमति नहीं होती, इसलिए डेटा तुरंत सार्वजनिक नहीं किया जा सकता।
🌍 वैश्विक घटनाओं से क्या है संबंध?
चुनावी पारदर्शिता और लोकतांत्रिक मूल्यों की बात केवल भारत तक सीमित नहीं है। हाल ही में, डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की वार्ता ने भी इसी तरह के राजनीतिक और लोकतांत्रिक मुद्दों को उजागर किया है। यह वार्ता रूस-यूक्रेन युद्धविराम पर केंद्रित थी, जिसमें यूक्रेन ने तीन प्रमुख शर्तें रखीं।
👉 क्या यह वार्ता युद्ध खत्म करने में सफल होगी?
👉 परमाणु संयंत्र और ऊर्जा संकट पर क्या फैसला हुआ?
📌 पूरी खबर पढ़ें: ट्रंप-पुतिन वार्ता: क्या रूस-यूक्रेन युद्ध पर लगेगा विराम?
📌 आगे क्या होगा?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि चुनाव आयोग याचिकाकर्ताओं की चिंताओं को सुनेगा और उनका समाधान करेगा। इस मामले की अगली सुनवाई जल्द होगी।
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https://newso2.com/trump-putin-war-talk/