इंदौर, 30 दिसंबर 2024,(न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126: मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधिपति के जबलपुर स्थित शासकीय बंगले पर धार्मिक स्थल होने के विवाद पर कोर्ट प्रशासन ने स्थिति स्पष्ट कर दी है। मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल धर्मिंदर सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर इन आरोपों को झूठा, भ्रामक और निराधार बताया।

कोर्ट प्रशासन के अनुसार, लोक निर्माण विभाग (PWD) ने स्पष्ट किया है कि वहां कभी कोई मंदिर नहीं था। रजिस्ट्रार ने कहा, इस प्रकार की निराधार खबरें न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुंचाने और जनता को गुमराह करने का प्रयास हैं। यह न्याय प्रशासन में सीधा हस्तक्षेप है और इसे अवमानना की श्रेणी में माना जा सकता है।”

विवाद की पृष्ठभूमि

वकील रविंद्र नाथ त्रिपाठी ने जबलपुर बार एसोसिएशन को शिकायत की थी, जिसे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष डी.के. जैन ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और भारत के सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधिपति को भेजा। शिकायत में कहा गया कि मप्र उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधिपति सुरेश कुमार कैत ने अपने शासकीय बंगले पर स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर को तोड़ा है। शिकायत में यह भी कहा गया कि इस घटना से अधिवक्ता संघ, जनता और विधि जगत में आक्रोश का माहौल है। त्रिपाठी ने मांग की है कि मामले की उच्चस्तरीय जांच हो और यदि आरोप सिद्ध होते हैं, तो मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ कार्रवाई की जाए।

आरोपों की सत्यता पर सवाल

शिकायती पत्र में यह दावा किया गया कि मंदिर लंबे समय से वहां स्थित था, लेकिन हैरानी की बात यह है कि किसी भी शिकायतकर्ता ने कथित स्थल पर मंदिर को देखा तक नहीं है। बिना साक्ष्यों के मुख्य न्यायधिपति पर इस तरह के आरोप लगाना, न्यायिक प्रक्रिया के बुनियादी सिद्धांतों का उल्लंघन है। यह भी ध्यान देने योग्य है कि मुख्य न्यायधिपति सुरेश कुमार कैत की नियुक्ति सिर्फ तीन महीने पहले, 25 सितंबर 2024 को हुई थी। यह विचारणीय है कि क्या इतने कम समय में वे ऐसे मामलों में खुद को उलझा सकते हैं?

न्यायपालिका की प्रतिक्रिया

जबलपुर हाई कोर्ट रजिस्ट्रार ने स्पष्ट किया है कि ऐसी झूठी खबरें कानून के शासन और न्यायिक स्वतंत्रता के लिए खतरा उत्पन्न करती हैं। कोर्ट प्रशासन ने कहा कि ऐसे आरोप लगाने वालों की मंशा पर सवाल उठते हैं। यह मामला न्यायपालिका की गरिमा और निष्पक्षता पर चोट करने का प्रयास प्रतीत होता है। कोर्ट ने जनता से अपील की है कि ऐसी भ्रामक खबरों पर विश्वास न करें और तथ्यों के आधार पर ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचे।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

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