इंदौर, 29 जुलाई 2024

इंदौर नगर निगम की कचरा गाड़ियों के साथ निर्धारित एनजीओ कर्मी नहीं होते, फिर भी उन्हें हर महीने लाखों रुपए का भुगतान किया जा रहा है। उनके अनुसार, कचरा गाड़ियों के साथ एक हेल्पर और एनजीओ कर्मचारियों के शामिल होने की आवश्यकता है, लेकिन केवल हेल्पर और ड्राइवर ही नजर आते हैं, जबकि एनजीओ कर्मी कहीं दिखाई नहीं देते। ये आरोप शहर कांग्रेस प्रवक्ता संजय बाकलीवाल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर लगाए हैं।

बाकलीवाल ने कहा कि यह स्थिति तब हो रही है जब इंदौर स्वच्छता के क्षेत्र में लगातार सात बार पहले स्थान पर है, जिसका श्रेय निगम के स्वच्छता मित्रों को जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि जब एनजीओ कर्मचारी कचरा गाड़ियों के साथ नहीं होते, तो लाखों रुपए का भुगतान उन्हें क्यों किया जा रहा है? इससे यह संदेह उत्पन्न होता है कि क्या निगम अधिकारी और एनजीओ के बीच सांठगांठ है।

शहर कांग्रेस ने निगम कमिश्नर से अपील की है कि यदि एनजीओ को किए जा रहे लाखों रुपए के भुगतान को रोक दिया जाए, तो जनता पर टैक्स में कमी संभव है। इस मुद्दे पर विरोध करते हुए, शहर कांग्रेस जल्द ही निगम कमिश्नर, संभागायुक्त, और नगरी प्रशासन मंत्री को ज्ञापन सौंपेगी।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।