इंदौर, 15 मई – वनों के संरक्षण, संवर्धन और प्रबंधन को लेकर इंदौर में दो दिवसीय संभाग स्तरीय कार्यशाला की शुरुआत हुई। यह कार्यशाला वन अधिकार अधिनियम 2006 के प्रभावी क्रियान्वयन को लेकर आयोजित की गई है। पहले दिन अशासकीय सदस्यों को प्रशिक्षण दिया गया, जबकि 16 मई को शासकीय अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण सत्र होगा।

कार्यशाला का उद्घाटन जनजातीय कार्य विभाग के प्रमुख सचिव गुलशन बामरा और संभागायुक्त दीपक सिंह की उपस्थिति में हुआ। श्री बामरा ने अधिनियम की जानकारी देते हुए राज्य शासन की विभिन्न पहलें साझा कीं। श्री सिंह ने बताया कि अब वन समितियों को कानूनी अधिकार देते हुए उन्हें संरक्षण और प्रबंधन में मुख्य भूमिका दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि सामुदायिक वन अधिकारों के अंतर्गत सड़क, अस्पताल, स्कूल जैसे आधारभूत ढांचे भी शामिल हैं। कार्यशाला में एक विस्तृत कार्य योजना तैयार की जा रही है, जिसमें वन समितियों की भूमिकाएं स्पष्ट होंगी।

विशेषज्ञों द्वारा प्रतिभागियों को अधिनियम की प्रक्रिया, नक्शों के उपयोग, दावों की जांच और समिति की भूमिका पर जानकारी दी गई। पहले दिन इंदौर-उज्जैन संभाग के अधिकारी व समिति सदस्य मौजूद रहे। कार्यशाला वनों के सतत संरक्षण और जनजातीय अधिकारों के संरक्षण की दिशा में अहम कदम है।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

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