शिवाजी मोहिते, इंदौर
02 सितंबर 2024
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि देश के आम नागरिकों को ताकतवर लोगों से बचाने का सबसे बड़ा जरिया हमारा संविधान है। पिछले 10 वर्षों के शासनकाल में यह आभास हुआ है कि संविधान को जानना और समझना सभी नागरिकों के लिए जरूरी है, क्योंकि यही हमारे लोकतंत्र की रक्षा करेगा।
खेड़ा ने इंदौर में आयोजित अभ्यास मंडल की 63वीं वार्षिक व्याख्यान माला में “संवैधानिक मूल्य एवं चुनौतियां” विषय पर बोलते हुए यह बात कही। उन्होंने कहा कि हमारे देश के संवैधानिक मूल्यों के पांच मुख्य सूत्र हैं: लोकतंत्र-गणतंत्र, धर्मनिरपेक्षता, समानता और सामाजिक न्याय, स्वतंत्रता और व्यक्तिगत अधिकार, तथा बंधुत्व एवं राष्ट्रीय एकता। खेड़ा ने जोर देकर कहा कि जातिगत जनगणना के माध्यम से समानता और सामाजिक न्याय को जन-जन तक पहुंचाना जरूरी है।
खेड़ा ने कहा कि संविधान की रचना 1947-1950 के बीच नहीं, बल्कि 1920 के कांग्रेस अधिवेशन से ही शुरू हो गई थी। महात्मा गांधी ने उस समय मौलिक बुनियादी अधिकारों पर चर्चा शुरू की थी, जो आगे चलकर 1931 में पंडित नेहरू और गांधीजी के नेतृत्व में धर्मनिरपेक्ष देश की नींव बनी। बाबा साहब आंबेडकर ने कहा था कि संविधान कोई वकीलों का दस्तावेज नहीं है, बल्कि यह देश के नागरिकों के जीवन का माध्यम है।
खेड़ा ने जोर देकर कहा कि संविधान को गांव-गांव तक पहुंचाना जरूरी है ताकि हर नागरिक को उसके अधिकारों की जानकारी हो। उन्होंने कहा कि पिछले 10 सालों में यह स्पष्ट हुआ है कि संविधान का अध्ययन करना क्यों जरूरी है, क्योंकि इसी से लोकतंत्र, स्वतंत्रता और समानता बचेगी।
टीवी देखना बंद करने की सलाह
अपने उद्बोधन में खेड़ा ने लोगों से टीवी देखना बंद करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि टीवी पर जो दिखाया जाता है, वह देश की वास्तविक स्थिति को नहीं दर्शाता। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि बांग्लादेश में हिंदुओं की सुरक्षा के लिए क्या कदम उठाए गए हैं, और एनआरसी के वादों का क्या हुआ?
वर्तमान सरकार पर हमला
खेड़ा ने दावा किया कि वर्तमान सरकार अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाएगी। उन्होंने कहा कि संवैधानिक संस्थाएं खतरे में हैं और समाजवाद को त्यागने की बात चल रही है। उन्होंने संवाद की परंपरा को बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया, जिसमें अभ्यास मंडल जैसी संस्थाओं की भूमिका महत्वपूर्ण हो सकती है।
कार्यक्रम में अतिथि का स्वागत अरविंद पोरवाल, आदित्य प्रताप सिंह, और पीसी शर्मा ने किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. मनीषा गौर ने किया, जबकि आभार प्रदर्शन श्यामसुंदर यादव ने किया। इस अवसर पर कई प्रमुख नेता उपस्थित थे।
अगले व्याख्यान की घोषणा
अभ्यास मंडल की सचिव डॉ. माला सिंह ठाकुर और शफी शेख ने बताया कि अगले व्याख्यान का विषय “भारतीय ज्ञान परंपरा का युवाओं को संदेश” होगा, जिसे हरिदास यशवंत द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा। यह व्याख्यान जाल सभागृह में शाम 6:30 बजे आयोजित किया जाएगा।