आस्था पर हमला? जैन समाज में आक्रोश की लहर, रविवार को बड़े विरोध प्रदर्शन की घोषणा

इंदौर/नई दिल्ली, 19 जुलाई 2025 : मुंबई में विले पार्ले जैन मंदिर पर बुलडोजर की कार्रवाई के बाद अब राजधानी दिल्ली के शालीमार विधानसभा क्षेत्र में स्थित एक प्राचीन जैन मंदिर पर प्रशासन ने बुलडोजर चलाया है, जिसके बाद जैन समाज में जबरदस्त आक्रोश फैल गया है। बिना किसी नोटिस या पूर्व सूचना के पीडब्ल्यूडी (PWD) की टीम ने भारी पुलिस बल के साथ मंदिर परिसर की महज एक 5 फीट ऊँची कच्ची दीवार को तोड़ दिया।

दो बार मंदिर में चोरी, प्रशासन असफल

बताया जा रहा है कि यह दीवार हाल ही में सुरक्षा कारणों से बनाई गई थी, क्योंकि मंदिर में बीते कुछ समय में दो बार चोरी की घटनाएं हो चुकी थीं। पुलिस में एफआईआर दर्ज कराने के बावजूद चोरों को पकड़ने में प्रशासन नाकाम रहा। ऐसे में जैन समाज ने खुद अपनी आस्था की रक्षा के लिए बाउंड्री बनवाई, जिसे आज प्रशासन ने बुलडोजर चलाकर ढहा दिया।

प्रशासन की कार्रवाई पर उठे सवाल

स्थानीय जैन समाज का आरोप है कि मंदिर की दीवार पर न तो कोई सरकारी दस्तावेज़ चस्पा किया गया था और न ही किसी प्रकार का पूर्व में नोटिस जारी किया गया था।

100 से अधिक पुलिसकर्मी और महिलाओं से अभद्रता

विश्व जैन संगठन के अध्यक्ष संजय जैन ने कहा कि प्रशासन इस छोटी-सी दीवार को तोड़ने के लिए 150 से अधिक पुलिसकर्मियों को लेकर आया। महिलाओं से अभद्रता की गई और भक्तों को मंदिर से बाहर निकाल दिया गया।

“यह न सिर्फ मंदिर पर हमला है, बल्कि हमारी आस्था और गरिमा पर चोट है। देश भर में जैन समाज को सॉफ्ट टार्गेट समझ लिया गया है। अब जैन समाज चुप नहीं बैठेगा।”
— संजय जैन, विश्व जैन संगठन

जैन तीर्थ कमेटी के पदाधिकारी राजेश जैन ने आरोप लगाए कि राजनीतिक दलों को जब चुनाव में पैसा चाहिए होता है, तो सब यहाँ आते हैं, और हमारे मंदिरों को निशाना बनाया जा रहा है। हमारा दान का पैसा इस मंदिर में लगा है, हम इसे गिरने नहीं देंगे।

रविवार सुबह 8 बजे होगा बड़ा प्रदर्शन

संजय जैन ने जानकारी दी कि जैन समाज अब इस अन्याय के खिलाफ चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने ऐलान किया कि इस रविवार सुबह 8 बजे दिल्ली में एक बड़ा शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन किया जाएगा।

राजनीतिक सन्नाटा?

चौंकाने वाली बात यह है कि यह मामला मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की ही विधानसभा सीट पर हुआ है । बताया जा रहा है कि रेखा गुप्ता यहीं से पहले पार्षद रहीं और यहीं विधायक का चुनाव जीतकर अब सीएम बनी है, लेकिन समाचार लिखे जाने तक उनकी तरफ से या किसी भी प्रमुख राजनीतिक दल की ओर से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।


सवाल:

क्या यह आस्था पर सीधा हमला है?

PWD की कार्रवाई क्या नियमानुसार थी?

क्या धार्मिक स्थलों को भी राजनीतिक या प्रशासनिक दबाव का सामना करना पड़ेगा?

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

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