इंदौर/सागर, 14 अक्टूबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। मध्य प्रदेश के सागर स्थित भाग्योदय जैन तीर्थ क्षेत्र में 12 अक्टूबर को मुनि पुंगव सुधासागर महाराज के सान्निध्य में मध्य प्रदेश की सकल दिगंबर जैन समाज का वृहद सम्मेलन आयोजित किया गया। धर्म समाज प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने बताया कि इस सम्मेलन में मध्यप्रदेश के 52 जिलों से हजारों की संख्या में विभिन्न संस्थाओं, मंदिरों, समाज संगठनों, सोशल ग्रुप फेडरेशन, विश्व जैन संगठन इंदौर, और तीर्थ क्षेत्रों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
राजेश जैन दद्दू ने आगे बताया सम्मेलन में एकजुटता की भावना प्रमुख रूप से उभरी, जहां सभी ने महसूस किया कि दिगंबर समाज को अब बिखराव से बाहर निकलकर एक होना चाहिए। सुधासागर महाराज ने मंच से अपने जोशीले सिंहनाद से समाज के अंतर्मन को झकझोर दिया। उन्होंने कहा कि उनकी भी यही वेदना है कि बिखरी हुई दिगंबर समाज को एक सूत्र में कैसे बांधा जाए। इस उद्देश्य से उन्होंने “राष्ट्रीय जिनशासन एकता संघ” की स्थापना की घोषणा की और नारा दिया, “जैनम जयतु शासनम्, वंदे भरत भारतम्”।
जगतपूज्य गुरुदेव ने कहा कि उन्हें ऐसा संगठन चाहिए जो सुभाष चंद्र बोस की तरह निष्ठावान और दृढ़ हो। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह दीपक के ऊपर हाथ रखकर शपथ ली जाती है, वैसी ही प्रतिबद्धता संघठन के सदस्यों में होनी चाहिए। इस दौरान हज़ारों समाज प्रतिनिधियों ने अपना सिर उनके चरणों में समर्पित कर दिया और कहा कि धर्म और श्रमण संस्कृति के लिए वे अपने प्राणों की आहुति देने को भी तैयार हैं।
गुरुदेव ने सभी समाज जनों को एक नई ऊर्जा से भर दिया और कहा कि अब समाज को 13 पंथ, 20 पंथ, सोनगढ़, संतवाद से ऊपर उठकर एकजुटता से कार्य करना होगा। उन्होंने एक विशेष केसरिया ध्वज के नीचे एकता के साथ काम करने का आह्वान किया। उन्होंने निर्देश दिया कि इस संघठन की किसी भी बैठक में किसी भी सदस्य का व्यक्तिगत सम्मान नहीं होगा और सभी को समान माना जाएगा।
गुरुदेव ने संघठन को आगे बढ़ाने के लिए 5 ऐसे व्यक्तियों की मांग की, जो अजीवन ब्रह्मचर्य व्रत लेकर अपना जीवन समाज और संघठन के प्रति समर्पित करें। इस पर 2 व्यक्तियों ने तुरंत सहमति व्यक्त की। गुरुदेव ने घोषणा की कि उनका सम्पूर्ण जीवन संघठन के प्रति समर्पित होगा और उनकी जिम्मेदारी खुद वे लेंगे। गुरुदेव ने विश्वास व्यक्त किया कि यह संघठन जल्द ही राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचेगा। सभी ने उत्साहपूर्वक नमोस्तु शासन जयवंत हो का उद्घोष किया।