सुप्रीम कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित
EVM और VVPAT के डेटा के 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग की याचिका पर आज हुई सुनवाई
इंदौर/नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट ने EVM और VVPAT के डेटा के 100 प्रतिशत सत्यापन की मांग वाली याचिकाओं की 10 अप्रैल दिन गुरुवार को सुनवाई करते फैसला सुरक्षित रख लिया जय।
जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की खंडपीठ ने एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक राइट्स (एडीआर) और अन्य द्वारा दायर याचिकाओं की आज सुनवाई की। पूरे दिन चली इस सुनवाई के बाद सभी पक्षों को सुनने के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने फैसला सुरक्षित रखा। याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने पक्ष रखा। निर्वाचन आयोग की ओर से अधिवक्ता मनिंदर सिंह और सरकार की ओर से सोलिसिटर जनरल तुषार मेहता उपस्थित थे। युगल पीठ ने भारतीय निर्वाचन आयोग के एक अधिकारी से आज ईवीएम की सुरक्षा विशेषताएँ और कार्यप्रणाली को समझा।
हर बात पर संदेह नहीं किया जा सकता- कोर्ट
वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण से वीवीपैट की अपरारदर्शी स्क्रीन पर सवाल उठाए तो जस्टिस खन्ना ने अधिवक्ता भूषण से कहा कि आप बहुत दूर की सोच रहे हैं। हर बात पर संदेह नहीं किया जा सकता, यदि इन लोगों (निवाचन आयोग) ने कुछ अच्छा किया है, तो उसकी सराहना की जानी चाहिए। हमने आपको सुना क्योंकि हम भी चिंतित हैं। अधिवक्ता भूषण ने दोहराया कि मतदाता को वीवीपैट पर्ची कटकर नीचे गिरती हुई दिखनी चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि वीवीपैट की गिनती कोई कठिन काम नहीं है। इस संबंध में उन्होंने पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त डॉ. एसवाई कुरैशी का हवाला दिया, जिन्होंने कथित तौर पर एक साक्षात्कार में कहा था कि मतपत्रों की गिनती के लिए दो दिन पर्याप्त थे।