इंदौर, 7 सितंबर 2024: प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माण कार्य के लिए फर्जी बैंक गारंटी देने पर मेसर्स कुणाल स्ट्रक्चर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, राजकोट और आई.सी.आई.सी.आई. बैंक लिमिटेड, ठाणे के कर्मचारियों के खिलाफ थाना सेंट्रल कोतवाली में एफआईआर दर्ज की गई है। यह कार्रवाई निगम आयुक्त शिवम वर्मा के निर्देश पर की गई है।

मामले की जानकारी:

नगर निगम द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बड़ा बांगड़दा बुधानिया और बड़ा बांगड़दा एक्सटेंशन स्थलों पर आवासीय इकाइयों के निर्माण के लिए मेसर्स कुणाल स्ट्रक्चर (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, राजकोट को अनुबंधित किया गया था। अनुबंध की लागत ₹173,70,93,913 थी। ठेकेदार ने निर्धारित समय पर कार्य पूरा नहीं किया और विभाग द्वारा कई बार नोटिस दिए जाने के बावजूद कार्य की गति में कोई सुधार नहीं हुआ। लगभग एक वर्ष से कार्य बंद पड़ा था।

ठेकेदार का जवाब:

जब ठेकेदार से स्पष्टीकरण मांगा गया, तो उसका जवाब संतोषजनक नहीं पाया गया। इस पर एमआईसी ने अनुबंध को निरस्त करते हुए ठेकेदार की जमा बैंक गारंटी राशि ₹8,69,00,000 और सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि ₹8,69,39,961 को राजसात करने का निर्णय लिया।

फर्जी गारंटी का खुलासा:

आई.सी.आई.सी.आई. बैंक की सिक्योरिटी डिपॉजिट राशि की भुगतान के लिए जमा की गई बैंक गारंटी राशि ₹8,46,44,290 को 22 दिसंबर 2023 को बैंक की ब्रांच ठाणे, महाराष्ट्र भेजा गया। बैंक ने बैंक गारंटी जारी करने से इंकार कर दिया, जिससे फर्जी गारंटी का मामला उजागर हुआ।

मेसर्स कुणाल स्ट्रक्चर (इंडिया) और बैंक के कर्मचारियों द्वारा सांठ-गांठ करके फर्जी बैंक गारंटी जमा कर प्रधानमंत्री आवास योजना विभाग के साथ धोखाधड़ी करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है और जल्द ही आरोपियों की गिरफ्तारी की संभावना जताई है।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

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