जेन-अल्फा यानी 2001 के बाद जन्म लेने वाले बच्चे स्वास्थ्य समस्याओं से ज्यादा ग्रस्त

नई दिल्ली

जनरेशन अल्फा यानी 2010 के बाद जन्म लेने वाले बच्चे और किशोर स्वास्थ्य समस्याओं से ज्यादा ग्रस्त हैं। ये पीढ़ी स्वास्थ्य को लेकर अधिक संवेदनशील भी दिखती है। विशेषज्ञों के अनुसार, निष्क्रिय जीवनचर्या की वजह से मोटापा, कमजोर प्रतिरक्षा तंत्र (इम्यून सिस्टम), गेजेट्स  की लत इस पीढ़ी के बच्चों में अलग-अलग स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ रही है। इन पीढ़ी के बच्चों की अधिक देखभाल की जरूरत है। बेंगलुरू के फोर्टिस अस्पताल में कंसल्टेंट पीडियाट्रिशियन डॉ. प्रीथ शेट्टी बताते हैं कि जेन-अल्फा में मोटापा एक बड़ी समस्या है। पहले कुपोषण बीमारी थी। अब अतिपोषण है।

खेल गतिविधियों की कमी से इम्यून सिस्टम भी कमजोर : बच्चों के खेलने के लिए पर्याप्त शहरी जगह नहीं है। शारीरिक गतिविधि की कमी से मोटापा के अलावा अन्य समस्याएं बढ़ रही हैं। बड़ी चिंता प्री-डायबिटिक स्थितियों वाले बच्चों की है, जो समय के साथ टाइप 2 डायबिटीज में बदल जाती है। खराब खान-पान और गतिहीन जीवनशैली के कारण आजकल बच्चों में इम्यून सिस्टम भी कमजोर है।