अगर आप Google Pay का इस्तेमाल करते हैं तो अब आपको बिल पेमेंट पर अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा। Google Pay ने अपने प्लेटफॉर्म पर बिल भुगतान के लिए ‘कन्वीनियंस फीस’ (convenience fee) लगाने का फैसला किया है। अब बिल पेमेंट करने पर आपको GST के साथ 0.5% से 1% तक का चार्ज देना होगा।
किस पर लगेगा चार्ज?
यह चार्ज डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिए किए गए बिल पेमेंट पर लागू होगा। यानी चाहे आप बिजली का बिल भरें, गैस का भुगतान करें या अन्य यूटिलिटी बिल चुकाएं, आपको इस अतिरिक्त शुल्क का भुगतान करना होगा। इससे पहले, ऐसे चार्ज आमतौर पर केवल क्रेडिट कार्ड पेमेंट पर लगते थे, लेकिन अब डेबिट कार्ड से भुगतान करने पर भी आपको यह शुल्क देना होगा।
PhonePe और Paytm भी ले रहे हैं चार्ज
अगर आप सोच रहे हैं कि Google Pay छोड़कर PhonePe या Paytm पर शिफ्ट हो जाएं, तो आपको बता दें कि ये दोनों प्लेटफॉर्म भी बिल पेमेंट पर चार्ज ले रहे हैं। यानी, UPI प्लेटफॉर्म्स पर बिल भुगतान अब मुफ्त नहीं रहेगा।
कैसे बचें इस अतिरिक्त चार्ज से?
अगर आप यह अतिरिक्त शुल्क नहीं देना चाहते हैं, तो एक विकल्प यह है कि आप सीधे संबंधित सर्विस प्रोवाइडर (जैसे बिजली कंपनी, गैस एजेंसी, आदि) की वेबसाइट या ऐप से बिल पेमेंट करें। इन प्लेटफॉर्म्स पर आमतौर पर कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं लगता है। हालांकि, इसमें आपको हर सर्विस के लिए अलग-अलग ऐप का उपयोग करना पड़ सकता है।
UPI के बढ़ते उपयोग पर असर?
भारत में UPI का उपयोग तेजी से बढ़ रहा है, और Google Pay इस क्षेत्र में दूसरा सबसे बड़ा प्लेयर है। लेकिन इस नए चार्ज के बाद यूजर्स का रुझान घट सकता है, क्योंकि लोग बिना अतिरिक्त खर्च के भुगतान करना पसंद करते हैं।
क्या है विशेषज्ञों की राय?
विशेषज्ञों का मानना है कि Fintech कंपनियों को मुनाफा कमाने में आ रही मुश्किलों के कारण ये बदलाव किए जा रहे हैं। भविष्य में अन्य UPI प्लेटफॉर्म्स पर भी ऐसे चार्जेस देखने को मिल सकते हैं।
अगर आप Google Pay का इस्तेमाल करते हैं, तो अब आपको अपने बिल भुगतान के लिए थोड़ा अधिक खर्च करना पड़ेगा। ऐसे में समझदारी से विकल्पों का चयन करें और जहाँ संभव हो, सीधे सर्विस प्रोवाइडर के ऐप्स का उपयोग करें।