धार भोजशाला विवाद: सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई के चलते इंदौर हाई कोर्ट ने मामले की नहीं की सुनवाई, हाई कोर्ट ने कहा सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद ही हम कुछ कहने की स्थिति में होंगे

इंदौर, 22 जुलाई 2024

मध्य प्रदेश के उच्च न्यायालय की इंदौर खंडपीठ में आज धार के विवादित धार्मिक स्थल भोजशाला का मामला रखा गया। आज न्यायालय ने याचिकाक़र्ता को सर्वे रिपोर्ट की प्रति सभी पक्षों को मुहैया कराने के निर्देश दिये हैं। साथ ही न्यायालय ने ये भी कहा कि इस मामले में वे देश के सर्वोच्च न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट) में चल रही सुनवाई के बाद ही कुछ कहने की स्थिति में होंगे।

याचिकाकर्ता हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता विनय जोशी ने बताया कि कोर्ट ने सुनवाई आगे बढ़ा दी है। चूंकि इस मामले में कई याचिकाएं क्लब होकर सुनी जा रही है। आज कोर्ट ने सभी पक्षों को सर्वे रिपोर्ट देने का कहा है। याची आशीष गोयल (हिन्दू फ्रंट फॉर जस्टिस) ने बताया धार भोजशाला मामले में सर्वोच्च न्यायालय ने आर्किओलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा पेश सर्वे रिपोर्ट के क्रियान्वयन पर रोक लगा रखी है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आगामी 30 जुलाई को हो सकती है। इसके बाद ही इंदौर हाई कोर्ट सुनवाई करेगा। उधर आज कोर्ट में मौलाना कमालउद्दीन पक्ष की ओर से वर्चुअल पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने न्यायालय से चार हफ्ते का समय मांगा है। अधिवक्ता खुर्शीद ने कहा कि चूंकि सर्वे रिपोर्ट बहुत विस्तृत है लिहाजा उन्हें पढ़ने का समय दिया जाये।

बीती 15 जुलाई को आर्किओलोजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (एएसआई) ने इंदौर हाई कोर्ट में दो हजार से अधिक पन्नों की सर्वे रिपोर्ट पेश की है। सर्वे रिपोर्ट में भोजशाला में हिन्दू मंदिर होने के साक्ष्यों को बल मिला है। दावा है कि सर्वे में एएसआई को 97 मूर्तियां मिली हैं। इनमें से 37 मूर्तियां देवी-देवताओं की हैं जबकि बाकी मूर्तियां हिंदू धर्म से जुड़े दूसरी चीजों की हैं। दावा है कि सर्वे के दौरान 1700 से ज्यादा पुरावशेष मिले हैं।

जैन समाज फिर करेगा याचिका दायर

जैन समाज से याचिका दायर करने वाले याचिकाकर्ता सलेक चंद जैन (दिल्ली) ने न्यूजओ 2 को बताया कि वे इस मामले में फिर से याचिका दायर करेंगे। आपको बता दें कि इससे पहले जैन समाज ने भी अपना दावा धार भोजशाला पर किया था। जैन समाज का दावा है कि विवादित धार्मिक स्थल में जैन गुरुकुल और जैन मंदिर होने के प्रमाण मिले हैं। पिछली सुनवाई में जैन समाज की याचिका इंदौर हाई कोर्ट ने विद लिबर्टी खारिज कर दी थी। कोर्ट ने कहा था कि जैन द्वारा पेश याचिका उचित प्रारूप में नहीं है साथ ही देर से याचिका पेश करने का कारण भी नहीं बताया है। जैन ने बताया कि कोर्ट ने इसे फिर से सही प्रारूप में पेश करने और देर से पेश करने का कारण देते हुए याचिका पुन: दाखिल करने की छूट दी है। हम पूरी तैयारी के साथ फिर से याचिका पेश करेंगे।