इंदौर, 23 जुलाई 2024

ख्यात अर्थशास्त्री जयंतीलाल भंडारी ने आम बजट 2024-25 को सुधारों और सौगातों का एतिहासिक बजट बताया है। उन्होने कहा यकीनन वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण के द्वारा 23 जुलाई को पेश किया गया वर्ष 2024-25 का बजट सुधारों और सौगातों का ऐतिहासिक बजट है। निश्चित रूप से वित्तमंत्री ने आर्थिक तथा सामाजिक मोर्चे पर बड़े ऐलान किए है। नए बजट में 22 जुलाई को पेश आर्थिक समीक्षा के तहत बताई गई हर साल 80 लाख नौकरियों की दरकार के मद्देनजर निजी क्षेत्र और गैर कृषि क्षेत्र के तहत नई नौकरियों और कौशल विकास की व्यवस्था सुनिश्चित की है। ऐसी नौकरियों के लिए उत्पादन प्रोत्साहन सम्बद्ध (पीएलआई), मित्र टैक्सटाइल योजना, मुद्रा योजना, केयर इकोनॉमी क्षेत्रों की पहचान की गई है। वित्तमंत्री ने 5 सालों में 4.1 करोड़ युवाओं के लिए रोजगार, कौशल व अन्य अवसरों की सुविधा के लिए पांच योजनाओं के प्रधानमंत्री रोजगार पैकेज की व्यवस्था सुनिश्चित की है। एक करोड़ युवाओं को 500 बड़ी कंपनियों में इंटर्नशिप सुनिश्चित की जाएगी तथा प्रत्येक छात्र को 5000 रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिया जाएगा। मुद्रा योजना के तहत रोजगार के लिए ऋण की सीमा दोगुनी कर 20 लाख रुपए तक बढ़ाई गई है। एक लाख ऐसे छात्रों को उनके अध्ययन के लिए 10 लाख रुपए तक का ऋण दिया जा सकेगा, जो अन्य कोई शासकीय सहायता का लाभ नहीं ले रहे हैं।


निसंदेह पिछले वित्त वर्ष 2023-24 से वित्तमंत्री को जो मजबूत कर संग्रहण का आधार विरासत में मिला, उससे वे ऐतिहासिक और मजबूत बजट पेश कर सकी। यही कारण रहा है कि वर्ष 2024-25 का बजट प्रस्तुत करते हुए जहाँ वित्तमंत्री की एक मुठ्ठी आम आदमी की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए सौगातों की झड़ी लगाते हुए दिखाई दी, वहीं उनकी दूसरी मुठ्ठी आर्थिक सुधारों और नए दौर की वैश्विक जरूरतों से संबंधी प्रावधानों के लिए खुलते हुए दिखाई दी। इसमें कोई दोमत नहीं है कि वित्तमंत्री ने नए बजट को बहुआयामी गरीबी में कमी, महिलाओं और युवाओं के विकास, रोजगार वृद्धि, कृषि और किसान हितों, बुनियादी ढाँचे की मजबूती, उद्योग-कारोबार की गतिशीलता, रोजगार के नए अवसर, महंगाई पर नियंत्रण, नई माँग का निर्माण, स्वास्थ्य सेवाओं, डिजिटल शिक्षा, ग्रीन एनर्जी पर खर्च बढ़ाने के बेहतर प्रावधानों से सजाया है। खास बात यह भी है कि नए बजट में बुनियादी ढांचे के लिए 11 लाख करोड़ रुपए से अधिक रखे गए हैं, जो कि जीडीपी का 3.4 फीसदी है। इस पूँजीगत व्यय से रोजगार के अवसर तेजी से बढ़ेंगे।


इसमें कोई दो मत नहीं है कि वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने वर्ष 2024-25 के बजट के तहत किसानों के कल्याण और कृषि को विकास का इंजन बनाने की रणनीति के तहत किसानों के हित में कृषि व ग्रामीण क्षेत्र की क्षमता के दोहन के लिए अभूतपूर्व कदम आगे बढ़ाए हैं। वित्तमंत्री ने इस बजट के माध्यम से कृषि सेक्टर के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए और ग्रामीण विकास के लिए 2.66 लाख करोड़ रुपए सुनिश्चित किए है। इस व्यापक बजट से सरकार कृषि और ग्रामीण विकास पर प्रभावी खर्च बढ़ाते हुए दिखाई दी है। 32 फसलों की 109 किस्मों पर फोकस किया गया है। नए बजट में कृषि की विकास दर बढ़ाने, कृषि क्षेत्र की योजनाओं को तर्कसंगत बनाने और कृषि सुधारों को व्यापक प्रोत्साहन सुनिश्चित किए गए हैं। कृषि के बुनियादी ढांचे और कृषि के मशीनीकरण की दिशा में संरचनात्मक सुधार लाने के प्रभावी कदम भी नए बजट में हैं। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत देश के 80 करोड़ से अधिक गरीब व कमजोर वर्ग के लोगों को दिए जाने वाले निशुल्क अनाज के मद्देनजर प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना को पांच साल के लिए बढ़ाया गया है।


निश्चित रूप से नए बजट के तहत एक लाख करोड़ रुपए के शोध कोष से निजी क्षेत्र में अनुसंधान व नवाचार को व्यापक बढ़ावा मिलेगा। वर्ष 2024-25 के बजट से निर्यात और विदेशी निवेश में वृद्धि, बाजारों में उपभोक्ता मांग में तेजी, विनिर्माण और सर्विस क्षेत्र में बड़ा सुधार दिखाई देगा। सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों (एमएसएमई) को प्रोत्साहनमूलक राहत दी गई है। एमएसएमई इकाइयों को क्रेडिट गारंटी योजना के तहत टर्म लोन देने के लिए 100 करोड़ रुपए तक का प्रावधान सुनिश्चित किया गया। वित्तमंत्री जहाँ विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने और श्रम साध्य क्षेत्रों में नई नौकरियों के सृजन के पथ पर आगे बढ़ी हैं, वहीं रियल एस्टेट सेक्टर और आवास सेक्टर को भी प्रोत्साहनमूलक राहत दी गई हैं। नए बजट में देश में डिजिटल क्रांति को बढ़ाने से संबंधित मोबाइल सेवा प्रदाताओं सहित विभिन्न उत्पादों, बुनियादी ढाँचा क्षेत्र के लिए अधिक पूंजीगत व्यय के प्रावधान भी दिखाई दे रहे हैं। वित्तमंत्री सीतारमण ने जहाँ आयकर की पुरानी रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है, वहीं नई रिजीम के तहत करदाताओं को राहतों से लाभांवित किया गया है। खासतौर से वेतनभोगी वर्ग के लिए मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) सीमा को 50,000 रुपये से बढ़ाकर 75 हजार रुपये किया गया है। इससे करीब 4 करोड़ वेतनभोगियों व पेंशनभोगियों को लाभ होगा।


निश्चित रूप से वित्तमंत्री सीतारमण ने 7 फीसदी से अधिक विकास दर का लक्ष्य रखते हुए तथा राजकोषीय घाटे को जीडीपी के करीब 4.9 फीसदी तक सीमित रखते हुए अर्थव्यवस्था को गतिशील करने, रोजगार अवसरों को बढ़ाने तथा विभिन्न वर्गों को राहत देने के लिए आर्थिक प्रोत्साहनों से सजा-धजा वर्ष 2024-25 का अभूतपूर्व बजट प्रस्तुत किया है। हम उम्मीद करें कि वर्ष 2024-25 के बजट से भारत दुनिया की तीसरी बड़ी अर्थव्यवस्था तथा दुनिया का विकसित देश बनने की डगर पर आगे बढ़ता हुआ दिखाई देगा।