अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस : विशेष बालिकाओं को दी गई सीपीआर ट्रेनिंग
इंदौर, 19 मई 2025 । “अगर हौसले बुलंद हों तो कोई भी बाधा रास्ता नहीं रोक सकती…” — इसी संदेश को साकार किया है भारत की पहली मूकबधिर नर्स बुलबुल पांजरे और तिहरी दिव्यांगता (अंध, मूक, बधिर) से जूझने के बावजूद हायर सेकेंडरी परीक्षा उत्तीर्ण करने वाली गुरदीप कौर वासु ने।
अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस के अवसर पर आयोजित एक विशेष कार्यक्रम में इन दोनों साहसी महिलाओं को आनंद सर्विस सोसायटी, रोटरी क्लब ऑफ इंदौर आदर्श एवं एसोसिएशन ऑफ नर्स एग्जीक्यूटिव के संयुक्त तत्वावधान में सम्मानित किया गया। कार्यक्रम मूकबधिर दिव्यांग बच्चों की संस्था परिसर, ग्राम बरदरी में आयोजित हुआ।
बुलबुल पांजरे वर्तमान में शासकीय हमीदिया अस्पताल, भोपाल में नर्सिंग ऑफिसर के पद पर कार्यरत हैं, वहीं गुरदीप कौर वासु मध्यप्रदेश की पहली तिहरी दिव्यांग छात्रा हैं, जिन्होंने हायर सेकेंडरी की परीक्षा पास की है।
कार्यक्रम का उद्देश्य एक स्पष्ट संदेश देना था — “दिव्यांगता कोई कमी नहीं, बल्कि एक विशेषता है, जो संघर्ष और सफलता का उदाहरण बन सकती है।”
मुख्य अतिथि डॉ. अरविंद घनघोरिया (डीन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज), विशिष्ट अतिथि डॉ. शिखा घनघोरिया और मार्गदर्शक मार्गरेट गौरीनाथ (अध्यक्ष, नर्स एग्जीक्यूटिव, म.प्र. इकाई) ने न केवल इन महिलाओं की सराहना की, बल्कि दिव्यांग बच्चों को आगे बढ़ने की प्रेरणा भी दी।
कार्यक्रम की शुरुआत मूकबधिर बालिकाओं द्वारा प्रस्तुत राम स्तुति पर नृत्य से हुई। इसी मंच पर सीपीआर ट्रेनिंग भी दी गई, ताकि विशेष बालिकाएं भी जीवनरक्षक तकनीकों से परिचित हो सकें।
आनंद सर्विस सोसायटी की संचालिका मोनिका पुरोहित ने अतिथियों का स्वागत किया, जबकि सचिव ज्ञानेंद्र पुरोहित ने कार्यक्रम का संचालन किया। रोटरी क्लब की अध्यक्ष रोजलिंट जोसेफ ने आभार प्रकट किया। सम्मान स्वरूप बुलबुल और गुरदीप को प्रशंसा पत्र, शॉल और श्रीफल भेंट किए गए। कार्यक्रम के अंत में पुरोहित दंपत्ति ने कहा, ” यह कार्यक्रम एक संदेश है उन सभी के लिए जो अपनी कमियों को अपनी ताकत में बदलना चाहते हैं — “आप कर सकते हैं, बस खुद पर विश्वास कीजिए।”