आईआईटी इंदौर में “बैच ऑफ़ 2025” का दीक्षांत समारोह आयोजित
मुख्य अतिथि पद्म भूषण डॉ. अजय चौधरी, अध्यक्षता डॉ. के. सिवन ने की
आईआईटी इंदौर द्वारा 12 जुलाई, 2025 को 2025 बैच के 13वें दीक्षांत समारोह का आयोजन किया गया। कुल 813 डिग्री प्राप्तकर्ताओं में से 707 छात्र समारोह में शामिल हुए। इस बैच में 340 बी.टेक, 1 बीटेक + एम.टेक, 132 एम.टेक, 106 एमएससी, 131 पीएचडी, 28 एमएस (रिसर्च) और 75 एमएसडीएसएम छात्र शामिल थे। समारोह में एचसीएल के सह-संस्थापक, पद्म भूषण डॉ. अजय चौधरी मुख्य अतिथि रहे, जबकि आईआईटी इंदौर के शासी मंडल के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन ने अध्यक्षता की। आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास एस. जोशी ने कार्यक्रम का संचालन किया। इस अवसर पर आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमांशु राय भी उपस्थित रहे।
छात्रों को मिले स्वर्ण और रजत पदक
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के कदम माधव मुकुंद को राष्ट्रपति स्वर्ण पदक से सम्मानित किया गया। विभिन्न डिसिप्लिन में सर्वश्रेष्ठ शैक्षणिक प्रदर्शन के लिए संस्थान रजत पदक पाने वालों में कृष अग्रवाल,हरमन सिंह बग्गा, दिव्यम पांडे, क्षितिज केसरवानी और ईशान मोहन श्रीवास्तव शामिल रहे। एमएसडीएसएम रजत पदक अमित कुमार को मिला। वहीं, एमएससी के सौमाल्य दास और एमटेक के ओमकार राजेश कोकणे को भी रजत पदक से सम्मानित किया गया।
महिला छात्रों और शोधकर्ताओं को विशेष सम्मान
सिविल इंजीनियरिंग विभाग की सुश्री मधु त्रिवेदी को ‘बूटी फाउंडेशन गोल्ड मेडल’ प्रदान किया गया। बायोसाइंसेज एंड बायोमेडिकल इंजीनियरिंग के डॉ. तन्मय व्यास को ‘अगम प्रसाद मेमोरियल गोल्ड मेडल’, कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग के डॉ. आदित्य अंशुल को ‘गण्टि सुब्बा राव एंड गण्टि वेंकट रमानी पुरस्कार’ और मानविकी एवं सामाजिक विज्ञान की डॉ. जस्टी जोसेफ को ‘वीपीपी मेनन गोल्ड मेडल’ प्रदान किया गया। बी.टेक की सुश्री पोलिसेट्टी साई मेघना को सर्वश्रेष्ठ बी.टेक परियोजना का पुरस्कार मिला।
आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास एस. जोशी ने बताया,”अब तक हमने उच्च-स्तरीय जर्नलों में 9,500 से अधिक शोध पत्र प्रकाशित किए हैं, 450 करोड़ रुपये मूल्य के 800 से अधिक अनुसंधान एवं विकास परियोजनाओं को अंजाम दिया है और 24 करोड़ रुपये की कुल लागत के 423 परामर्श परियोजनाएँ पूरी की हैं। केवल पिछले वित्तीय वर्ष में ही हमें 25 करोड़ रुपये के 75 नई अनुसंधान परियोजनाएँ और 9.6 करोड़ रुपये के 117 परामर्श परियोजनाएँ प्राप्त हुईं। अब तक हमने 208 पेटेंट फाइल किए हैं, जिनमें से 96 पेटेंट स्वीकृत हो चुके हैं।”
संस्थान की उपलब्धियों पर गर्व जताया
शासी मंडल के अध्यक्ष डॉ. के. सिवन ने छात्रों को सिर्फ सफलता से नहीं, बल्कि समाज के प्रति योगदान और प्रेरणा से अपनी यात्रा को मापने की सीख दी। निदेशक प्रो. सुहास एस. जोशी ने बताया कि इस वर्ष पीएचडी डिग्री प्राप्त करने वाले छात्रों की संख्या में लगभग 60% और एमटेक डिग्री प्राप्त करने वालों की संख्या में ढाई गुना वृद्धि हुई है, जो संस्थान की शोध व उच्च शिक्षा के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।