“आईआईटी इंदौर को मिला ₹150 करोड़ का अनुदान, डिजिटल स्वास्थ्य क्षेत्र में बनेगा राष्ट्रीय केंद्र”

इंदौर। डिजिटल हेल्थकेयर क्षेत्र में शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए आईआईटी इंदौर में टेक्नोलॉजी ट्रांसलेशनल रिसर्च पार्क (TTRP) स्थापित किया जाएगा। यह पहल भारत सरकार के नेशनल मिशन ऑन इंटरडिसिप्लिनरी साइबर-फिजिकल सिस्टम्स (NM-ICPS) के अंतर्गत की जा रही है।

डिजिटल स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में भारत तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। टेलीमेडिसिन, इलेक्ट्रॉनिक हेल्थ रिकॉर्ड्स और एआई आधारित डायग्नोस्टिक्स जैसे तकनीकी समाधानों के जरिए स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच और गुणवत्ता में सुधार लाया जा रहा है।

आईआईटी इंदौर को 2021 में टेक्नोलॉजी इनोवेशन हब के रूप में मान्यता मिली थी, जिसके तहत ‘आईआईटीआई दृष्टि सीपीएस फाउंडेशन’ की स्थापना हुई। इस फाउंडेशन ने ‘चरकडीटी’ नामक मानव डिजिटल ट्विन प्लेटफॉर्म विकसित किया है, जो मरीजों के स्वास्थ्य डेटा को एआई मॉडल्स से जोड़कर उनका डिजिटल हेल्थ प्रोफाइल तैयार करता है।

अब इसी प्रयास को आगे बढ़ाते हुए, NM-ICPS ने दृष्टि फाउंडेशन को डिजिटल हेल्थकेयर क्षेत्र में TTRP में अपग्रेड करने का निर्णय लिया है। इस परियोजना के लिए ₹150 करोड़ की अतिरिक्त धनराशि स्वीकृत की गई है।

आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास एस. जोशी ने कहा, “डिजिटल हेल्थकेयर के क्षेत्र में संस्थान की पहल को यह एक बड़ी मान्यता है। यह नया रिसर्च पार्क हमारे ट्रांसलेशनल रिसर्च को नई ऊंचाई देगा।”

संस्थान ने पहले ही ACE फाउंडेशन और सेंटर फॉर ट्रांसलेशनल रिसर्च की स्थापना की है, जो इस दिशा में निरंतर प्रयासरत हैं।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

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