इंदौर, 13 अगस्त 2024

आईआईटी इंदौर ने कृषि क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए दो नई मोबाइल एप्लिकेशन “कृषि सेवा” और “क्रॉपडॉक्टर” का विकास किया है। ये ऐप्स किसानों को फसलों की बेहतर प्रबंधन में मदद करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, जो रोग, कीट और पोषण की कमी की पहचान पर ध्यान केंद्रित करती हैं।

“कृषि सेवा” ऐप को आईआईटी इंदौर के कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग की प्रोफेसर अरुणा तिवारी के नेतृत्व में विकसित किया गया है, और इसमें ICAR-केंद्रीय कृषि अनुसंधान संस्थान, भोपाल की प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. शशि रावत का सहयोग भी शामिल है। यह ऐप किसानों को फसल स्वास्थ्य और उत्पादकता बढ़ाने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करेगा।

साथ ही, “क्रॉपडॉक्टर” ऐप भी विकसित किया गया है, जो भारतीय कृषि के प्रमुख क्षेत्र सोयाबीन की खेती में क्रांति लाने के लिए तैयार है। यह ऐप प्रोफेसर अरुणा तिवारी और ICAR-भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान, इंदौर के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डॉ. मिलिंद रत्नपारखे के सुपरविजन में विकसित किया गया है। एंड्रॉयड उपकरणों के लिए डिज़ाइन की गई इस ऐप से किसान अपने सोयाबीन फसलों में बीमारियों और कीटों का प्रभावी ढंग से प्रबंधन कर सकते हैं।

आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रोफेसर सुहास जोशी ने कहा, “ये प्रोजेक्ट्स भारतीय कृषि में cutting-edge तकनीक को आगे लाने का एक प्रयास हैं, जो देशभर के किसानों के लिए एक उज्जवल और अधिक उत्पादक भविष्य का वादा करते हैं। कृषि सेवा और क्रॉपडॉक्टर दोनों ऐप्स फसल स्वास्थ्य को सही ढंग से प्रबंधित करने में मदद करती हैं। कृषि सेवा किसानों को प्रभावित पौधों की तस्वीरें लेने की सुविधा देती है और उन्हें आलू, गेहूं, चावल, सोयाबीन और सरसों जैसी फसलों के रोगों और कीटों पर विस्तृत जानकारी प्रदान करती है। वहीं, क्रॉपडॉक्टर सोयाबीन फसलों पर ध्यान केंद्रित करता है, जो रोग और कीट नियंत्रण, मिट्टी प्रबंधन और कृषि पद्धतियों पर मार्गदर्शन प्रदान करता है।”

इन ऐप्स का विकास पूरा हो चुका है और वर्तमान में कॉपीराइट सुरक्षा की प्रक्रिया में है, ताकि इसके अनूठे फीचर्स और सामग्री की सुरक्षा की जा सके। प्रोफेसर तिवारी ने कहा, “ये ऐप्स किसानों को सही निदान और प्रबंधन सलाह प्रदान करके फसल स्वास्थ्य और उत्पादकता में सुधार लाने में मदद करती हैं। ये ऐप्स दो भाषाओं – हिंदी और अंग्रेजी में उपलब्ध हैं, जिससे विभिन्न भाषाई पृष्ठभूमियों के किसान इन्हें आसानी से उपयोग कर सकते हैं। कृषि सेवा ऐप बिना इंटरनेट कनेक्शन के भी काम करती है, जिससे अधिकांश किसान इसका लाभ उठा सकते हैं।”