आरोप- व्यापारी अवैध तरीके से किसानों के तोल की कटौती कर रहे हैं
शिकायत करने के बाद भी मंडी समिति नहीं कर रही है कार्रवाई
भोपाल मंडी बोर्ड के एमडी के सख्त आदेशों का नहीं हो रहा मंडी में पालन
किसान मोर्चा की मांग- वजन से हिसाब से हो भुगतान
अवैध कटौती करने वाले व्यापारियों के लाइसेन्स हों निरस्त
इंदौर
लक्ष्मीबाई अनाज मंडी में मंडी समिति के कर्मचारियों, अधिकारियों की लापरवाही के चलते व्यापारी मनमानी कर रहे हैं और किसानों का माल तो ओने पौने दामों पर खरीद ही रहे हैं साथ ही तौल में भी दंडी मार व्यापार कर रहे हैं । कांटे पर किसानों का जितना वजन फसल का आ रहा है उसके बजाए 200 ग्राम प्रति क्विंटल की अवैध कटौती व्यापारी कर रहे हैं । ये आरोप लगाए हैं संयुक्त किसान मोर्चा ने।
संयुक्त किसान मोर्चा ने newso2 से विज्ञप्ति साझा करते हुए कहा मंडी समिति पर भरोसा करके किसान अपनी फसल मंडी में बेचने के लिए लाता है ,लेकिन उसे व्यापारियों की मनमानी के चलते ठगी का शिकार होना पड़ रहा है । लक्ष्मीबाई नगर अनाज मंडी में पूर्व में भी ऐसी कई घटनाएं सामने आई थी । जिसको लेकर किसान मोर्चा ने आपत्ति ली थी तो कुछ दिनों तक तो यह सिलसिला बन्द रहा लेकिन आज फिर व्यापारियों ने अपनी मनमानी शुरू कर दी ।
शिकायत के बाद भी कार्यवाही नहीं
अधिकारियों की मिलीभगत के लगाए आरोप
संयुक्त किसान मोर्चा के रामस्वरूप मंत्री ,बबलू जाधव और शैलेंद्र पटेल ने बताया कि ऐसा ही एक मामला देपालपुर तहसील के किसान विष्णु पिता चंदन सिंह बड़वाया के साथ हुआ है । वह अपनी गेहूं की फसल बेचने के लिए चार दिन पहले कृषि उपज मंडी लक्ष्मी नगर आया था, नीलामी में उसकी फसल को पंजीकृत व्यापारी श्री जी इंटरप्राइजेज ने खरीदा नीलामी के बाद किसान ने तोल कांटे पर फसल का वजन कराया तो वह वजन 41 कुंतल 5 किलो था , लेकिन जब अपनी फसल का भुगतान के लिए व्यापारी के यहां गया तो व्यापारी ने इस वजन का भुगतान करने के बजाय 20 किलो काटकर 40 कुंतल 85 किलो का ही भुगतान किया । किसान ने अपने साथ हुई इस ठगी की घटना को संयुक्त किसान मोर्चा के नेताओं की जानकारी में लाया और मंडी समिति को भी लिखित शिकायत की, लेकिन मंडी समिति ने पूरा दिन बीत जाने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की । किसान नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि इसमें अधियाकरियों की भी मिलीभगत है।
ये है मांग-
संयुक्त किसान मोर्चा ने मांग की है कि कांटे पर फसल का जितना वजन आए उस हिसाब से भुगतान व्यापारी से दिलाया जाए। साथ ही अवैध कटौती बंद की जाए और ऐसा करने वाले व्यापारियों के लाइसेंस निरस्त किए जाएं।