इंदौर/महू, 16 नवंबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126:  भारतीय सेना के एआरटीआरएसी (आर्मी ट्रेनिंग कमांड) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) इंदौर के बीच एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह साझेदारी शैक्षणिक और अनुसंधान क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ावा देने के लिए की गई है।

इस एमओयू का मुख्य उद्देश्य भारतीय सेना की आवश्यकताओं के लिए उन्नत तकनीकी समाधान प्रदान करना और विभिन्न उभरती प्रौद्योगिकियों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा, संचार, सिग्नल प्रोसेसिंग और वीएलएसआई प्रौद्योगिकी में नवाचार को प्रोत्साहित करना है।

एमओयू के मुख्य बिंदु:

सैन्य समस्या परिभाषा कथन (PDS) के लिए अनुसंधान में सहयोग।

संकाय सदस्यों और छात्रों के लिए विशेषज्ञता साझा करने हेतु संरचित विनिमय कार्यक्रम।

संयुक्त प्रशिक्षण मॉड्यूल और कैप्सूल पाठ्यक्रमों का विकास।

उन्नत प्रोटोटाइप और अनुसंधान के लिए अत्याधुनिक प्रयोगशालाओं और बुनियादी ढांचे तक पहुंच।

एमसीटीई (मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग) के कमांडेंट, लेफ्टिनेंट जनरल केएच गवास ने कहा कि यह सहयोग आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए अकादमिक नवाचारों को जोड़ने में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह साझेदारी रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के साथ जुड़ी हुई है।

आईआईटी इंदौर के निदेशक, प्रोफेसर सुहास एस. जोशी ने कहा कि यह एमओयू शैक्षणिक समुदाय को वास्तविक दुनिया की सैन्य चुनौतियों से जोड़ने और राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देने का एक सुनहरा अवसर प्रदान करेगा।

यह साझेदारी भारतीय सेना के लिए प्रौद्योगिकी-संचालित युद्धक्षेत्र तैयारियों में महत्वपूर्ण योगदान देगी और सैन्य-शैक्षणिक सहयोग का एक मानक स्थापित करेगी।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।