21 अगस्त 2024

भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिरता का दौर

भारत के कई पड़ोसी देश इन दिनों अस्थिरता के दौर से गुजर रहे हैं। नेपाल, श्रीलंका, पाकिस्तान, बांग्लादेश और म्यांमार जैसे देशों में राजनीतिक, आर्थिक और सामाजिक संकट की स्थिति बनी हुई है।

नेपाल में राजनीतिक अस्थिरता:

नेपाल में पिछले कुछ महीनों से राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है। प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा की सरकार को विपक्षी दलों का समर्थन नहीं मिल रहा है, जिससे सरकार की स्थिरता पर सवाल उठ रहे हैं।

श्रीलंका में आर्थिक संकट:

श्रीलंका में आर्थिक संकट की स्थिति बहुत गंभीर है। देश में विदेशी मुद्रा की कमी, ईंधन की कमी और खाद्य पदार्थों की कमी जैसी समस्याएं हैं। सरकार ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।

पाकिस्तान में राजनीतिक संकट:

पाकिस्तान में राजनीतिक संकट की स्थिति बनी हुई है। पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार को विपक्षी दलों ने गिरा दिया था, जिसके बाद से देश में राजनीतिक अस्थिरता की स्थिति बनी हुई है।

बांग्लादेश में सामाजिक संकट:

बांग्लादेश में सामाजिक संकट की स्थिति बनी हुई है। देश में हिंसा और अपराध की घटनाएं बढ़ रही हैं। सरकार ने सामाजिक संकट से निपटने के लिए कई कदम उठाए हैं, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ है।

म्यांमार में सैन्य शासन:

म्यांमार में सैन्य शासन की स्थिति बनी हुई है। देश में सैन्य सरकार ने सत्ता पर कब्जा कर लिया है, जिसके बाद से देश में राजनीतिक और सामाजिक संकट की स्थिति बनी हुई है।

भारत के लिए चुनौती:

भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिरता की स्थिति भारत के लिए एक बड़ी चुनौती है। भारत को अपने पड़ोसी देशों के साथ संबंधों को मजबूत बनाने के लिए काम करना होगा। भारत को अपने पड़ोसी देशों में अस्थिरता की स्थिति से निपटने के लिए आर्थिक और सामाजिक सहायता प्रदान करनी होगी।

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।