इन्दौर,11 अगस्त 2024

आज श्रावण शुक्ल सप्तमी के अवसर पर दिगम्बर जैन मंदिर क्लर्क कालोनी में श्री 1008 पार्श्वनाथ भगवान को 23 किलो का निर्वाण लाढूं चढ़ाया गया। आचार्य श्री 108 विध्यासागर जी महाराज के परम शिष्य मुनिश्री प्रमाण सागर जी महाराज के आर्शिवाद से क्लर्क कालोनी मंदिर में आज मुकुट सप्तमी को श्री 1008 तेईस वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवान को 23 किलो का निर्वाण लाढूं चढ़ाया।


प्रचार प्रमुख प्रवीण जैन ने बताया कि सुबह भगवान का अभिषेक एवं शांतिधारा हुई तत्पश्चात देव शास्त्र गुरु की पूजन के बाद श्री पार्श्वनाथ भगवान की पूजन कर निर्वाण काण्ड पाठ पढ़ कर 23 किलो का निर्वाण लाडूं सभी समाज जनों ने संयुक्त रूप से प्रभु की भक्ति भाव से नाचते गाते बड़े हर्षोल्लास के साथ चढ़ाया गया। जैन धर्म के अनुसार जिसका मोक्ष हो जाता है उसका मनुष्य भव में जन्म लेना सार्थक हो जाता है। जब तक संसार है, तब तक चिंता रहती है जहां मोक्ष का पुर्णरुपेण क्षय हो जाता है वहीं मोक्ष हो जाता है।

बनारस में जन्में, सम्मेद शिखर से मोक्ष गए पारसनाथ

भगवान पारसनाथ का जन्म बनारस में हुआ था। इनके पिता अश्वसेन और माता का नाम वामा देवी था। भगवान पार्श्वनाथ सम्मेद शिखर जी के स्वर्ण भद्र कूट से मोक्ष गए। मुकुट सप्तमी के दिन कई छोटे बच्चों ने उपवास रखा है।

इस अवसर पर मुख्य रूप से आनंद गोधा, दिलीप बज, एस के सोगानी, विशाल जैन, विमल डेडी, निलेश जैन, रमेश जैन, विदर्भ जैन, सिद्धार्थ गंगवाल, रमणीक जैन, संजय जैन, सुभद्रा गोधा, पदमा जैन, पुष्पलता जैन के साथ सभी समाज जन उपस्थित हुए।