लॉ स्टूडेंट्स के हित में बार काउंसिल ऑफ इंडिया को भेजा ईमेल, नई कानून संहिताओं को सिलेबस से हटाने की मांग

इंदौर, 2 अक्टूबर 2024 (न्यूजओ2 डॉट कॉम)/7724038126। इंदौर के अधिवक्ता पंकज वाधवानी ने ऑल इंडिया बार एग्जामिनेशन (AIBE)-19 के सिलेबस से हाल ही में लागू किए गए नए कानूनों (भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023) को हटाने के लिए बार काउंसिल ऑफ इंडिया को ईमेल भेजा है। यह कदम उन्होंने छात्र हितों को ध्यान में रखते हुए उठाया है।

ईमेल में वाधवानी ने उल्लेख किया कि आगामी AIBE-19 परीक्षा 24 नवंबर 2024 को आयोजित होने वाली है, जिसका नोटिफिकेशन 3 सितंबर 2024 को जारी किया गया था। 20 सितंबर 2024 को सिलेबस को लेकर एक स्पष्टीकरण जारी किया गया, जिसमें पुराने कानून—भारतीय दंड संहिता 1860, दंड प्रक्रिया संहिता 1973, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 1872—के साथ नए लागू कानूनों को भी सिलेबस में शामिल किया गया है।

छात्रों के हित में उठी आवाज

यह भी उल्लेखनीय है कि इस परीक्षा में एलएलबी के 3 वर्षीय और बीएएलएलबी के 5 वर्षीय पाठ्यक्रम के छात्र हिस्सा लेते हैं। छात्रों ने अपने महाविद्यालयों में पुराने कानून ही पढ़े हैं और नए कानून अभी कॉलेज में पढ़ाए नहीं गए हैं। पंकज वाधवानी का कहना है कि ये नए कानून बड़े और जटिल हैं, जिन्हें मात्र दो-तीन महीने में समझना और पूरा करना मुश्किल है। ऐसे में छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए यह उचित होगा कि इस साल के सिलेबस से इन नए कानूनों को हटाया जाए।

छात्रों का भविष्य प्रभावित हो सकता है

इस बदलाव से छात्र तनाव में आ सकते हैं क्योंकि उन्होंने अपनी पढ़ाई पुराने कानूनों के अनुसार पूरी की है, और नए कानूनों को बिना समय के पर्याप्त प्रावधान के पढ़ना मुश्किल हो सकता है। वाधवानी ने उम्मीद जताई है कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया इस मुद्दे पर विचार करेगी और छात्रों के हित में उचित निर्णय लेगी।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।