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इंदौर। उपभोक्ता अधिकारों की सुरक्षा के तहत एक बड़ा फैसला आया है। इंदौर के जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने पटेल मोटर्स को ₹33,987 + 6% वार्षिक ब्याज सहित उपभोक्ता को लौटाने का आदेश दिया है। इसके अलावा मानसिक आघात और असुविधा के लिए ₹5,000 हर्जाना तथा परिवाद व्यय ₹5,000 अदा करने के निर्देश दिए गए हैं।


क्या है पूरा मामला?

एमजीएम मेडिकल कॉलेज के सेवानिवृत्त डॉ. मनोहर भंडारी ने अगस्त 2019 में एक कार मेले के दौरान अपनी पुरानी कार को एक्सचेंज में देकर पटेल मोटर्स से नई कार खरीदी थी। डीलर ने उन्हें आकर्षक छूट और ऑफर्स देने का आश्वासन दिया, जिसमें निम्नलिखित डिस्काउंट शामिल थे:

  • पुरानी कार की कीमत – ₹77,000
  • एक्सचेंज ऑफर – ₹20,000
  • कंज्यूमर ऑफर – ₹7,000
  • विशेष डिस्काउंट – ₹3,000
  • कॉर्पोरेट डिस्काउंट – ₹5,000

इस तरह कुल ₹1,12,000 की छूट का दावा किया गया था। डॉ. भंडारी ने ऑफर के अनुसार ₹6,26,811 का भुगतान कर दिया। लेकिन जब दस्तावेज मिले, तो गड़बड़ियां सामने आईं।


कैसे हुआ उपभोक्ता के साथ धोखा?

✅ पुरानी कार का मूल्य ₹77,000 की बजाय ₹60,000 कर दिया गया।
✅ चार अलग-अलग राशियों के बिल जारी किए गए।
✅ नो-क्लेम बोनस ₹19,370 का लाभ नहीं दिया गया।
✅ बिना सहमति के एक्सटेंडेड वारंटी के ₹12,648 वसूले गए।

डीलर से कई बार शिकायत करने के बावजूद जब कोई समाधान नहीं मिला, तो डॉ. भंडारी ने एडवोकेट चंचल गुप्ता के माध्यम से 2020 में उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज किया।


उपभोक्ता आयोग का फैसला

आयोग अध्यक्ष विकास राय और सदस्य निधी बारंगे ने इसे उपभोक्ता सेवा में कमी माना और पटेल मोटर्स को 45 दिनों के भीतर निम्नलिखित भुगतान करने का आदेश दिया:

✔️ ₹33,987 की अतिरिक्त राशि 6% ब्याज सहित लौटाएं।
✔️ मानसिक आघात और असुविधा के लिए ₹5,000 दें।
✔️ परिवाद व्यय ₹5,000 का भुगतान करें।


क्या कहते हैं उपभोक्ता के वकील?

एडवोकेट चंचल गुप्ता का कहना है कि यह फैसला उन उपभोक्ताओं के लिए मिसाल है, जिन्हें कार डीलरों की मनमानी का सामना करना पड़ता है। उपभोक्ताओं को अपने अधिकारों के प्रति सतर्क रहना चाहिए और ठगी की स्थिति में उपभोक्ता फोरम में शिकायत दर्ज करनी चाहिए।

📞 संपर्क: एडवोकेट चंचल गुप्ता – 9302100010


उपभोक्ता क्या सीख सकते हैं?

✔️ कोटेशन और बिल का मिलान करें।
✔️ डीलर द्वारा दी गई छूट को दस्तावेज में स्पष्ट रूप से लिखवाएं।
✔️ नो-क्लेम बोनस और एक्सचेंज ऑफर की पुष्टि करें।
✔️ अगर ठगी हो तो उपभोक्ता हेल्पलाइन या फोरम में शिकायत करें।


FAQ: उपभोक्ता अधिकार और शिकायत प्रक्रिया

Q1: अगर कार डीलर ने ठगी की है तो क्या करें?

A: आप उपभोक्ता हेल्पलाइन (1800-11-4000) पर कॉल कर सकते हैं या सीधे उपभोक्ता फोरम में केस दायर कर सकते हैं।

Q2: क्या उपभोक्ता फोरम में केस दर्ज करने के लिए वकील जरूरी है?

A: नहीं, उपभोक्ता खुद भी केस दर्ज कर सकते हैं, लेकिन वकील की सहायता लेना बेहतर होता है।

Q3: उपभोक्ता फोरम में केस दाखिल करने की फीस कितनी होती है?

A: ₹5 लाख तक के दावे के लिए ₹200 से ₹500 तक की मामूली फीस लगती है।


🔹 (Newso2.com के लिए विशेष रिपोर्ट) 🔹

By Jitendra Singh Yadav

जितेंद्र सिंह यादव वरिष्ठ पत्रकार, आरटीआई कार्यकर्ता और राजनीतिक विश्लेषक 15+ वर्षों का पत्रकारिता अनुभव, यूनाइटेड न्यूज ऑफ इंडिया (UNI) से जुड़े। स्वतंत्र विश्लेषक, राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय राजनीति पर गहरी पकड़। Save Journalism Foundation व इंदौर वर्किंग जर्नलिस्ट्स यूनियन के संस्थापक। Indore Varta यूट्यूब चैनल और NewsO2.com से जुड़े। 📌 निष्पक्ष पत्रकारिता व सामाजिक सरोकारों के लिए समर्पित।

One thought on “इंदौर: कार डीलर ने एक्सचेंज ऑफर में की धोखाधड़ी, उपभोक्ता आयोग का 6% ब्याज सहित पैसे लौटाने का आदेश”
  1. आपका बहुत बहुत धन्यवाद, जितेन्द्र जी

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