इंदौर,28 फरवरी 2025

इंदौर क्राइम ब्रांच ने दिल्ली स्थित एक ‘डार्क रूम’ पर छापा मारकर फर्जी डिजिटल अरेस्ट गैंग का भंडाफोड़ किया। गैंग देशभर में सीनियर सिटीजन को डरा-धमकाकर ठगी करता था। गिरोह के पास से 20 हजार इंदौर के पेंशन धारियों सहित लाखों लोगों का निजी डेटा बरामद हुआ।

एडीसीपी क्राइम ब्रांच राजेश दंडोतिया ने बताया कि इंदौर निवासी 65 वर्षीय महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि 11 सितंबर 2024 को उसे व्हाट्सएप कॉल आया, जिसमें कॉलर ने खुद को टेलीकॉम अथॉरिटी और सीबीआई अधिकारी बताया। उसे बताया गया कि उसके नाम पर अवैध गतिविधियां हुई हैं और उसके खिलाफ केस दर्ज है। डराकर महिला से 46 लाख रुपये ठग लिए गए।

क्राइम ब्रांच ने जांच के बाद उत्तर प्रदेश के कन्नौज से आरोपी अली अहमद खान और असद अहमद खान को गिरफ्तार किया, जो मदरसा समिति के बैंक खातों का उपयोग ठगी के लिए कर रहे थे। इसके बाद दिल्ली के पटेल नगर में छापेमारी कर गैंग का मुख्य आरोपी ऋतिक कुमार जाटव (22) गिरफ्तार किया गया।

गैंग Lanshuoxing और Beetel वायरलेस फोन, मोबाइल नेटवर्क बूस्टर, IMEI क्लोनिंग और हजारों सिम कार्ड का इस्तेमाल कर रहा था। उनके पास से स्क्रिप्टेड स्पीच, रजिस्टर, कंप्यूटर, नेटवर्क बूस्टर और कई तकनीकी उपकरण जब्त किए गए। पुलिस को अन्य बड़े खुलासों की उम्मीद है।

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है। 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *