भाजपा नेता द्वारा संचालित हो रहा था सट्टा कारोबार, सट्टा रोकने में असफल रहे खजराना टीआई को किया निलंबित
इंदौर
इंदौर के खजराना थाना क्षेत्र में संचालित बड़ा सट्टा पकड़ने और रोकने में असफल रहे खजराना थाना प्रभारी (टीआई) सुजीत श्रीवास्तव को पुलिस उपायुक्त ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
पुलिस उपायुक्त ज़ोन 2 अभिनव वर्मा ने बताया कि खजराना थाना क्षेत्र में सट्टा संचालित होने की सूचनाएँ आमजन और अन्य लोगों से प्राप्त हो रही थीं, लेकिन खजराना थाना प्रभारी सट्टा रोकने में असफल रहे हैं, जो कार्य के प्रति उनकी लापरवाही, नियंत्रण का अभाव और संदिग्ध कदाचरण दर्शाता है और उनकी कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़े करता है। थाना प्रभारी सुजीत श्रीवास्तव को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर रक्षित केंद्र भेज दिया गया है।
उल्लेखनीय है 22 मई को खजराना क्षेत्र की अशरफी कॉलोनी में परदेशीपुरा, एमआईजी पुलिस ने संयुक्त रूप से दबिश देकर कथित भाजपा नेता सलीम मंसूरी, उनके पुत्र आलम मंसूरी, रईस खां, इरफान पटेल, यूसुफ खान, मुनव्वर समेत 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है और उनके कब्जे से 11 लाख 77 हजार 500 रुपए नगदी सहित 8 मोबाइल, सट्टा पर्ची लिखने के 9 बंडल रोल जप्त किए हैं। भाजपा नेता सलीम मंसूरी भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा से जुड़ा है और स्थानीय विधायक का खास बताया जाता है।
हालांकि इस मामले में स्थानीय भाजपा विधायक महेंद्र हार्डिया ने हाथ पीछे खींचते हुए एक अखबार से कहा, “समर्थक कोई भी हो सकता है, उसके बारे में ये पता है कि वो एक बूथ एजेंट है। किसी के गलत काम को न कभी सपोर्ट किया है न ही करूंगा। ”
अक्षय बम भी खजराना पुलिस की गिरफ्त से है दूर
उल्लेखनीय है इंदौर कांग्रेस लोकसभा प्रत्याशी के रूप में आखिरी मौके पर कांग्रेस को छोड़ भाजपा में शामिल हुए कॉलेज संचालक अक्षय बम भी खजराना पुलिस की गिरफ्त से दूर है। खजराना थाने में एक 17 साल पुराने मामले में बम के खिलाफ चुनाव के पहले धारा 307 (हत्या का प्रयास) बढ़ाई गई थी। इस मामले की सुनवाई करते हुए 10 मई को इंदौर की एक अदालत ने अक्षय बम के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया था । गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद भी अक्षय बम इंदौर में खुले आम घूम रहा था और खजराना पुलिस 13 बीतने के बाद भी उसे गिरफ्तार करने में असफल रही है। इस मामले में शासन-प्रशासन और जिम्मेदार अधिकारी मौन हैं।