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अपने मजबूत गढ़ इंदौर में क्यों नैतिक रूप से हारी भाजपा ?

वर्ष 2024 का लोकसभा चुनाव कई मायनों में इतिहास का सबसे काला अध्याय लिखता नजर आ रहा है। यहाँ कई दशक से काबिज भारतीय जनता पार्टी चुनाव मैदान को एक तरह के सियासी गृह युद्ध में तब्दील करती नजर आ रही है। अपनी जीत सुनिश्चित कर एक तिहाई बहुमत की ओर लालायित भाजपा लोक तांत्रिक मूल्यों को रौंधती दिखाई पड़ रही है। पहले सूरत, फिर गांधीनगर और अब भाजपा के सबसे मजबूत गढ़ के रूप में पहचाने जाने वाले मध्य प्रदेश के इंदौर की लोक सभा सीट के कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय जैन कांति बम भाजपा के नैतिक पतन का जीवित उदाहरण बनकर सामने आए हैं ।

कांग्रेस लोक सभा प्रत्याशी अक्षय कांति बम की भाजपा के समर्थन में नामांकन वापसी से साफ हो गया है, कि कांग्रेस चुनाव मैदान से बाहर हो गई है। इससे पहले भी विधान सभा 2023 में इंदौर ग्रामीण की महू विधान सभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी रहे रामकिशोर शुक्ला ने यह दावा किया था कि वे तो संघ (आरएसएस) और भाजपा के इशारे पर कांग्रेस से टिकट लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे । शुक्ला का यह कहना कि वे तो भाजपा प्रत्याशी उषा ठाकुर की जीत सुनिश्चित करने के लिए ही मैदान में उतरे थे । अब जबकि भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय और इंदौर विधान सभा 2 से भाजपा विधायक रमेश मेंदोला के साथ अक्षय बम द्वारा अपना नामांकन वापस लिया जाना भले ही भाजपा के लिए एक बड़ी उपलब्धि हो लेकिन इससे यह तो स्पष्ट है कि इंदौर के लाखों कांग्रेसी वोटर और भाजपा से इतर अन्य प्रत्याशियों को चुनने का विकल्प रखने वाले वोटर्स अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। विपक्ष और स्वतंत्र आलोचक इससे पहले भी ‘लोकतन्त्र खतरे में है’, का जो नारा बुलंद करते नजर आ रहे थे, वे इस तरह के सियासी विध्वंस से लोकतन्त्र पर मँडराता खतरा अब साफ दिख रहा है।https://newso2.com/?p=1913


भारत में आम चुनाव आज़ादी के बाद से अपने मजबूत लोकतांत्रिक मूल्यों के एक पर्व के रूप में मनाया जाता रहा है । इससे पहले के भी कई आम चुनावों में टूट- फूट की, दलबदल की घटनाएँ सामने आती रही हैं । लेकिन एक दशक से देश की जनता पर काबिज नरेंद्र मोदी और अमित शाह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार बनाने के फेर में भले ही कामयाब हो रही हो, साथ ही ये भी साफ करती जा रही है कि सत्ता हथियाने के लिए वह अब आदर्श, नैतिकता को पूरी तरह कत्ल कर चुकी है।https://newso2.com/?p=1896

By Neha Jain

नेहा जैन मध्यप्रदेश की जानी-मानी पत्रकार है। समाचार एजेंसी यूएनआई, हिंदुस्तान टाइम्स में लंबे समय सेवाएं दी है। सुश्री जैन इंदौर से प्रकाशित दैनिक पीपुल्स समाचार की संपादक रही है। इनकी कोविड-19 महामारी के दौरान की गई रिपोर्ट को देश और दुनिया ने सराहा। अपनी बेबाकी और तीखे सवालों के लिए वे विख्यात है।